अलास्का शिखर वार्ता: ट्रम्प–पुतिन मुलाकात से युद्धविराम की उम्मीद, लेकिन ठोस समझौता नहीं
एंकरिज़ (अलास्का), 15 अगस्त 2025 – अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन की ऐतिहासिक मुलाकात अलास्का के एंकरिज़ स्थित संयुक्त सैन्य अड्डे Elmendorf-Richardson पर हुई। बैठक का मुख्य एजेंडा यूक्रेन युद्ध और वैश्विक सुरक्षा पर तनाव को कम करना रहा।
करीब ढाई घंटे चली इस उच्च-स्तरीय वार्ता में कई मुद्दों पर चर्चा हुई, लेकिन कोई औपचारिक युद्धविराम समझौता नहीं हो सका। हालांकि दोनों नेताओं ने बातचीत को “उत्पादक” बताते हुए आगे की राह खुली रखने पर सहमति जताई।
🗣️ ट्रम्प का रुख
- राष्ट्रपति ट्रम्प ने स्पष्ट कहा कि “युद्धविराम आज ही होना चाहिए, अगर नहीं हुआ तो मैं खुश नहीं रहूँगा।”
- उन्होंने चेतावनी दी कि अगर रूस ने गंभीरता से बातचीत नहीं की तो अमेरिका नए और कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगा सकता है।
- साथ ही, उन्होंने यूक्रेन के लिए विशेष सुरक्षा आश्वासन पैकेज तैयार करने की संभावना जताई, हालांकि इसे नाटो से अलग संरचना बताया।
🤝 पुतिन का जवाब
- पुतिन ने प्रतिबंधों को शांति वार्ता की सबसे बड़ी बाधा बताया।
- उन्होंने कहा कि रूस संवाद जारी रखने के लिए तैयार है, लेकिन पश्चिम को “वास्तविक सुरक्षा चिंताओं” को मान्यता देनी होगी।
🇺🇦 यूक्रेन की प्रतिक्रिया
- यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने बैठक को “आंशिक रूप से सकारात्मक” बताया।
- उन्होंने जोर देकर कहा कि रूस पर दबाव बनाए रखना आवश्यक है, अन्यथा यह वार्ता केवल समय खींचने का प्रयास बन जाएगी।
- यूक्रेन ने अमेरिका और यूरोप से और स्पष्ट सुरक्षा गारंटी की मांग की।
🇪🇺 यूरोपीय देशों की प्रतिक्रिया
- जर्मनी और फ्रांस ने बैठक का स्वागत किया और कहा कि संवाद शांति की ओर पहला कदम है।
- पोलैंड और बाल्टिक देशों ने चिंता जताई कि रूस के प्रति नरमी नाटो की सुरक्षा पर असर डाल सकती है।
- यूरोपीय संघ ने सामूहिक बयान जारी कर कहा कि रूस पर लगे प्रतिबंध अभी जारी रहेंगे, लेकिन अमेरिका के साथ मिलकर कूटनीतिक प्रयास जारी रहेंगे।
🌍 भारत और चीन की प्रतिक्रिया
- भारत ने ट्रम्प–पुतिन वार्ता का स्वागत किया और दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील की।
- चीन ने भी शांति समाधान का समर्थन किया, लेकिन अमेरिका पर “पश्चिमी वर्चस्व थोपने” का आरोप लगाया।
🔮 आगे की संभावनाएँ
- अगले दो महीनों में दूसरे दौर की बैठक की संभावना – संभावित स्थान जिनेवा या इस्तांबुल।
- यूक्रेन को नाटो से बाहर विशेष सुरक्षा आश्वासन देने पर विचार।
- अगर रूस युद्धविराम मानता है तो चरणबद्ध प्रतिबंधों में ढील संभव।
📝 निष्कर्ष
अलास्का में हुई ट्रम्प–पुतिन शिखर वार्ता ने तत्काल शांति नहीं दिलाई, लेकिन इसने संवाद का रास्ता ज़रूर खोल दिया है। अब दुनिया की निगाहें आने वाले महीनों में होने वाली अगली बैठक और रूस के रुख पर टिकी रहेंगी।






