क्या भारतीय चुनावों के लिए आया अमेरिकी धन ? विदेश मंत्रालय का स्पष्टीकरण
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नई दिल्ली, 21 अगस्त 2025। भारतीय चुनावों में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए अमेरिका से करोड़ों रुपये आने की खबरों पर विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि इसमें कोई सच्चाई नहीं है। विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने संसद में लिखित जवाब में कहा कि यूएसएड/भारत (USAID/India) ने वित्त वर्ष 2014 से 2024 तक भारत में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए न तो 2.1 करोड़ डॉलर का वित्तपोषण लिया और न ही प्रदान किया।
यह जवाब राज्यसभा में माकपा सांसद जॉन ब्रिटास के प्रश्न पर दिया गया। उन्होंने सरकार से उन रिपोर्टों पर स्थिति स्पष्ट करने को कहा था, जिनमें दावा किया गया था कि भारतीय चुनावों में मतदाता भागीदारी बढ़ाने के लिए अमेरिकी एजेंसी की ओर से धन का उपयोग किया गया।

अमेरिकी दूतावास से मिली जानकारी
विदेश मंत्रालय ने अमेरिकी दूतावास से इस मामले में विस्तृत जानकारी मांगी थी। दूतावास द्वारा दिए गए आंकड़ों में बताया गया कि 2014 से 2024 के बीच भारत में यूएसएड की ओर से की गई परियोजनाओं का विवरण साझा किया गया है, लेकिन इनमें मतदान प्रतिशत बढ़ाने से संबंधित कोई परियोजना शामिल नहीं थी।
यूएसएड की गतिविधियों पर पूर्ण विराम
विदेश राज्य मंत्री ने आगे बताया कि 29 जुलाई 2025 को अमेरिकी दूतावास ने मंत्रालय को सूचित किया कि वह 15 अगस्त 2025 तक भारत में यूएसएड की सभी गतिविधियों को बंद करने की योजना बना चुका है। इसके तहत भारत सरकार के साथ हस्ताक्षरित सभी सात साझेदारी करार भी समाप्त कर दिए गए हैं।
इस प्रकार, सरकार ने स्पष्ट किया कि भारतीय चुनावी प्रक्रिया में मतदाता प्रतिशत बढ़ाने के नाम पर अमेरिका से किसी भी प्रकार की धनराशि का neither आगमन हुआ और न ही उसका उपयोग किया गया।






