दिसम्बर 6, 2025

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बिहार SIR विवाद: कांग्रेस का आरोप– चुनाव आयोग ने नहीं सुनी BLA की शिकायतें, 89 लाख कंप्लेंट होने का दावा

बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) को लेकर सियासी घमासान लगातार तेज होता जा रहा है। कांग्रेस और राजद सहित विपक्षी दल इसे “वोटर अधिकार” का उल्लंघन बता रहे हैं। रविवार को पटना में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस नेता पवन खेड़ा और बिहार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम ने गंभीर आरोप लगाते हुए दावा किया कि कांग्रेस पार्टी ने चुनाव आयोग को मतदाता सूची से जुड़ी 89 लाख शिकायतें सौंपी हैं, लेकिन आयोग इस पर कार्रवाई करने के बजाय चुप्पी साधे हुए है।

कांग्रेस का दावा – शिकायतें लेने से किया इनकार

AICC मीडिया और पब्लिसिटी विभाग के चेयरमैन पवन खेड़ा ने कहा, “चुनाव आयोग अपने ‘सोर्स’ के जरिए यह खबरें प्लांट कराता है कि किसी राजनीतिक दल से कोई शिकायत नहीं आ रही। जबकि सच्चाई यह है कि कांग्रेस ने 89 लाख शिकायतें दी हैं। हमारे BLAs जब शिकायत लेकर जाते हैं तो उनसे शिकायतें ली ही नहीं जातीं। उनसे कहा जाता है कि आम नागरिक से शिकायतें लेंगे। फिर राजनीतिक दलों और BLAs का रोल क्या रह गया?”

उन्होंने आगे कहा कि 1 सितंबर शिकायत दर्ज कराने की अंतिम तारीख है और कांग्रेस के BLOs ने नागरिकों की शिकायतें पूरी गंभीरता से इकट्ठा कर जिला निर्वाचन पदाधिकारी (DEO) को जमा कराई हैं।

65 लाख वोट काटे जाने पर सवाल

पवन खेड़ा ने आंकड़े पेश करते हुए कहा कि बिहार में कुल 90,540 बूथों पर 65 लाख वोट काटे गए। आयोग ने नाम काटने के चार कारण बताए हैं–

  • पलायन के कारण: 25 लाख नाम
  • मृतकों के नाम: 22 लाख नाम
  • पते पर अनुपस्थित रहने के कारण: 9.7 लाख नाम
  • पूर्व में कहीं और पंजीकरण होने के कारण: 7 लाख नाम

खेड़ा ने आरोप लगाया कि कई बूथों पर बड़े पैमाने पर पैटर्न के तहत नाम काटे गए हैं। उदाहरण के तौर पर–

  • 100 से ज्यादा नाम काटे जाने वाले बूथ: 2036
  • 200 से ज्यादा नाम काटे जाने वाले बूथ: 198
  • 7,613 बूथ ऐसे, जहां 70% से ज्यादा महिलाओं के नाम काटे गए
  • 7,931 बूथों पर 75% नाम मृत श्रेणी में डाल दिए गए

खेड़ा ने मांग की कि इन सभी मामलों की फिर से जांच हो और डोर-टू-डोर सत्यापन कराया जाए।

राजेश राम का आरोप – नाम जुड़वाने में हो रही परेशानी

बिहार कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम ने कहा कि वोटरों को यह तक नहीं पता कि उनका नाम सूची से क्यों काटा गया। नाम जुड़वाने के लिए BLO के पास जाने पर उनसे आवासीय प्रमाण पत्र मांगा जाता है। लेकिन जब वे प्रमाण पत्र बनाने जाते हैं तो उन्हें खाली हाथ लौटा दिया जाता है।

सदाकत आश्रम पर झड़प को बताया “विरासत पर हमला”

पवन खेड़ा ने सदाकत आश्रम पर भाजपा कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन के दौरान हुई झड़प पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह देश की लोकतांत्रिक विरासत और विचारधारा पर हमला है। उन्होंने आरोप लगाया कि दो मंत्री सीधे इसमें शामिल थे और जब कांग्रेस ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई तो उनसे मंत्रियों के नाम हटाने का दबाव बनाया गया।

वोटर अधिकार यात्रा का समापन और विपक्षी एकजुटता

कांग्रेस ने घोषणा की कि “वोटर अधिकार यात्रा” का समापन पटना में पदयात्रा के साथ होगा। इसमें तृणमूल कांग्रेस से यूसुफ पठान, शिवसेना (उद्धव गुट) से संजय राउत, और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) से सुप्रिया सुले भी शामिल होंगी। यात्रा गांधी मैदान से शुरू होगी।

जिला प्रशासन का स्पष्टीकरण

इस बीच, पटना जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया कि गांधी मैदान में राहुल गांधी को रुकने की अनुमति न मिलने की खबरें भ्रामक हैं। प्रशासन ने कहा कि कांग्रेस या किसी भी दल ने मैदान में रात रुकने की अनुमति मांगी ही नहीं थी। रैली और सभा के लिए जो अनुमति मांगी गई थी, उसे कानूनी प्रावधानों के तहत दिया गया है।

बिहार में SIR को लेकर जारी यह विवाद अब राष्ट्रीय राजनीति का मुद्दा बनता जा रहा है। कांग्रेस का कहना है कि आयोग को सौंपी गई शिकायतों पर कार्रवाई न होना लोकतंत्र के लिए गंभीर खतरा है, जबकि चुनाव आयोग ने अब तक इस पर कोई ठोस जवाब नहीं दिया है।

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