दिसम्बर 6, 2025

News Valley 24

"सच्ची खबरों की वादी" "न्यूज़ वैली 24"

कांग्रेस का हमला: “क्या चीन की आक्रामकता और सरकार की कायरता ही भारत का नया न्यू नॉर्मल है?”

नई दिल्ली, 31 अगस्त 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की तियानजिन में हुई मुलाकात पर कांग्रेस ने केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया है। पार्टी ने सवाल उठाया है कि क्या “न्यू नॉर्मल” की परिभाषा अब चीन की आक्रामकता और मोदी सरकार की कायरता से तय होगी। कांग्रेस ने इस बैठक को भारत की विदेश नीति में कमजोरी और सीमा विवादों पर झुकाव के संकेत के रूप में पेश किया।

गलवान शहीदों का जिक्र

कांग्रेस महासचिव एवं संचार प्रभारी जयराम रमेश ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस मुलाकात को जून 2020 की गलवान घाटी की घटना के संदर्भ में देखा जाना चाहिए। उन्होंने याद दिलाया कि चीनी आक्रामकता के चलते भारत के 20 जवान शहीद हुए थे।
“इसके बावजूद, 19 जून 2020 को प्रधानमंत्री मोदी ने चीन को कायराना ढंग से क्लीन चिट दे दी थी,” रमेश ने आरोप लगाया।

सीमा पर यथास्थिति बहाल करने में विफलता

रमेश ने आगे कहा कि भारतीय सेना प्रमुख ने स्पष्ट रूप से लद्दाख सीमा पर यथास्थिति बहाल करने की मांग की थी। लेकिन मोदी सरकार इसे हासिल करने में नाकाम रही और इसके बजाय चीन से सुलह की दिशा में कदम बढ़ाने लगी।
“इस रवैये से न केवल हमारे बहादुर जवानों की शहादत पर प्रश्नचिन्ह लगता है, बल्कि चीन की आक्रामकता को अप्रत्यक्ष रूप से वैधता भी मिलती है,” उन्होंने कहा।

पाकिस्तान–चीन गठजोड़ की अनदेखी

कांग्रेस नेता ने याद दिलाया कि 4 जुलाई 2025 को उप-सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल राहुल सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान और चीन की “जुगलबंदी” की ओर इशारा किया था। लेकिन रमेश का कहना है कि मोदी सरकार ने इस अशुभ गठजोड़ पर ठोस कार्रवाई करने के बजाय चुप्पी साध ली।
“अब यही सरकार चीन को राजकीय दौरों और उच्च स्तरीय मुलाकातों से पुरस्कृत कर रही है,” रमेश ने तीखा कटाक्ष किया।

उत्तर-पूर्व पर खतरे की चेतावनी

जयराम रमेश ने यह भी कहा कि चीन ने यारलुंग त्संगपो नदी पर विशाल जलविद्युत परियोजना की घोषणा की है, जो भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकती है।
“मोदी सरकार इस अहम मुद्दे पर भी चुप्पी साधे हुए है,” उन्होंने आरोप लगाया।

चीनी डंपिंग पर चिंता

कांग्रेस ने चीन से हो रहे आयात की ‘अनियंत्रित डंपिंग’ को लेकर भी मोदी सरकार को घेरा। रमेश ने कहा कि इससे भारतीय एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) पर बुरा असर पड़ा है।
“अन्य देशों की तरह सख्त कदम उठाने के बजाय भारत ने चीनी आयातकों को लगभग खुली छूट दे दी है,” उन्होंने कहा।

कांग्रेस का कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी का चीन के साथ संवाद, भारत की सुरक्षा और आर्थिक हितों को कमजोर कर रहा है। पार्टी ने सवाल उठाया—
“क्या भारत का ‘न्यू नॉर्मल’ अब चीनी आक्रामकता और हमारी सरकार की कायरता से परिभाषित होगा?”

About The Author

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

error: Content is protected !!