पंजाब बाढ़ त्रासदी के बीच अकाली दल का बड़ा फैसला: क्यों छोड़ा उपराष्ट्रपति चुनाव का मैदान?
नई दिल्ली/चंडीगढ़।
भारत में जहां राजनीतिक हलचलें उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर तेज हैं, वहीं शिरोमणी अकाली दल (SAD) ने सबको चौंकाते हुए चुनाव का बहिष्कार करने का एलान कर दिया है। यह चुनाव 9 सितंबर 2025 को होना है, लेकिन अकाली दल ने ऐलान किया है कि वह इसमें हिस्सा नहीं लेगा। इसके पीछे की वजह पंजाब में आई भयंकर बाढ़ आपदा बताई गई है, जिसने राज्य के बड़े हिस्से को तबाह कर दिया है।
🌊 पंजाब डूबा पानी में, अकाली दल का तर्क
पार्टी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि पंजाब का लगभग एक-तिहाई हिस्सा पानी में डूबा हुआ है। हजारों घर उजड़ गए हैं और किसानों की फसलें पूरी तरह बर्बाद हो चुकी हैं। अकाली दल ने इस त्रासदी को “मानव निर्मित आपदा” बताया है और पंजाब सरकार पर लापरवाही और अक्षमता का आरोप लगाया है।
अकाली दल का कहना है कि:
- न तो राज्य सरकार और न ही केंद्र सरकार ने पंजाबियों की मदद की।
- पंजाबी, खासकर सिख समुदाय, इस आपदा से बिना किसी सरकारी सहायता के अकेले लड़ रहे हैं।
- राज्य के ग्रामीण युवा, धार्मिक समर्पण और गुरु साहिबान की प्रेरणा से आगे आकर राहत कार्य चला रहे हैं।
🙏 “हम अपने लोगों के साथ खड़े हैं” – अकाली दल
शिरोमणी अकाली दल ने स्पष्ट कहा कि यह समय राजनीति करने का नहीं, बल्कि अपने लोगों की मदद करने का है। पार्टी ने कहा कि जब पंजाब इतनी भीषण त्रासदी से जूझ रहा है, तब दिल्ली जाकर उपराष्ट्रपति चुनाव में हिस्सा लेना लोगों की भावनाओं के साथ अन्याय होगा।
🗳️ हरसिमरत कौर ही अकेली सांसद
2024 लोकसभा चुनाव में अकाली दल की ओर से केवल हरसिमरत कौर बादल बठिंडा से जीत पाई थीं। हरसिमरत कौर, पार्टी अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल की पत्नी भी हैं। ऐसे में उनके बहिष्कार का मतलब यह है कि पार्टी ने अपने एकमात्र सांसद को भी चुनाव में न भेजने का फैसला किया है।
⚡ पंजाब बनाम सत्ता: बड़ा संदेश
अकाली दल का यह कदम न सिर्फ राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय है, बल्कि यह केंद्र और पंजाब सरकार दोनों के लिए चेतावनी भी माना जा रहा है कि लोगों का गुस्सा और दुख अब खुलकर सामने आने लगा है।
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