बिहार चुनाव 2025: सीटों पर तकरार या रणनीति का खेल? एनडीए–महागठबंधन में कौन बनेगा बड़ा भाई
Story:
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। तारीखों की आधिकारिक घोषणा अभी बाकी है, लेकिन राजधानी पटना से लेकर दिल्ली तक राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। दोनों प्रमुख खेमों – एनडीए और महागठबंधन – में सीट बंटवारे को लेकर खींचतान जारी है। हर पार्टी अपनी ताकत और पिछले चुनावी आंकड़ों के आधार पर अधिक सीटों की मांग कर रही है। सवाल यह है कि इस बार कौन सा गठबंधन ज्यादा एकजुट होकर चुनाव मैदान में उतरेगा।
[Google Ad Space]
नीतीश कुमार की चाल और एनडीए की उलझन
एनडीए में जेडीयू और बीजेपी की साझेदारी सबसे अहम है। 2020 में जेडीयू ने 115 और बीजेपी ने 110 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे। लेकिन इस बार समीकरण बदलते दिख रहे हैं। नीतीश कुमार ने हाल ही में राजपुर सीट से उम्मीदवार घोषित कर बीजेपी को असहज कर दिया।
एलजेपी (रामविलास) के चिराग पासवान इस बार गठबंधन में हैं, और उनकी मांग है कि उन्हें 40 सीटें दी जाएं। चिराग की पार्टी ने 2020 में अकेले चुनाव लड़कर भले ही केवल एक सीट जीती हो, लेकिन उसे 6% वोट शेयर मिला था। यही आंकड़ा अब उनकी ताकत बन गया है।

[Google Ad Space]
मांझी बनाम चिराग
हिंदुस्तानी अवामी मोर्चा (हम) के नेता जीतन राम मांझी ने साफ कहा है कि सीट बंटवारे पर अंतिम निर्णय केंद्रीय नेतृत्व का होगा। उनका यह बयान चिराग पासवान को अप्रत्यक्ष संदेश माना जा रहा है कि ज्यादा दबाव बनाने की रणनीति काम नहीं आएगी।
[Google Ad Space]
महागठबंधन में खींचतान
महागठबंधन (INDIA गठबंधन) में आरजेडी, कांग्रेस, लेफ्ट, वीआईपी और अन्य दल शामिल हैं। हाल ही में दिल्ली में हुई बैठक में राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे, अजय माकन, पप्पू यादव, कन्हैया कुमार जैसे नेता शामिल रहे। बैठक में राहुल गांधी की “वोटर अधिकार यात्रा” की समीक्षा की गई और सीट शेयरिंग पर चर्चा हुई।
सूत्रों के मुताबिक, आरजेडी इस बार 122 से 124 सीटों पर, कांग्रेस 58 से 62 सीटों पर और लेफ्ट दल 31 से 33 सीटों पर चुनाव लड़ सकते हैं। वीआईपी 20 से 22 सीटों की उम्मीद कर रही है, जबकि एलजेपी और जेएमएम को भी समायोजित करने की बात चल रही है।
[Google Ad Space]
कांग्रेस की स्थिति
2020 में कांग्रेस 70 सीटों पर चुनाव लड़ी थी, लेकिन उसे केवल 19 सीटें मिलीं। इस बार कांग्रेस को 60 सीटों तक सीमित किया जा सकता है। कांग्रेस नेताओं का मानना है कि वे राज्य में विपक्षी गठबंधन के चेहरे को और मजबूत करेंगे, लेकिन आरजेडी बड़ी पार्टी होने के नाते ज्यादा हिस्सेदारी लेगी।
[Google Ad Space]
2020 का गणित और 2025 का सवाल
2020 में आरजेडी 75 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनी थी। बीजेपी को 74 सीटें मिली थीं, जबकि नीतीश कुमार की जेडीयू 43 पर सिमट गई थी। इस बार भी यही समीकरण सबको परेशान कर रहा है कि बड़ा भाई कौन बनेगा?
क्या चिराग पासवान की पार्टी एनडीए में सीटें बढ़ा पाएगी? क्या कांग्रेस महागठबंधन में अपनी स्थिति बचा पाएगी? और क्या नीतीश कुमार एक बार फिर से किंगमेकर बनकर उभरेंगे?
[Google Ad Space]
नतीजा
बिहार चुनाव 2025 केवल एनडीए बनाम महागठबंधन का मुकाबला नहीं होगा, बल्कि यह अंदरूनी खींचतान, सीट बंटवारे और राजनीतिक अहंकार की परीक्षा भी होगी। अगले कुछ हफ्तों में तस्वीर साफ हो जाएगी कि कौन सा गठबंधन ज्यादा मजबूती के साथ जनता के बीच जाएगा।






