रायबरेली में राहुल गांधी की बैठक में बवाल: सपा बागी विधायक ने बीच सभा छोड़ी, पीएम मोदी पर टिप्पणी को लेकर मांगी माफी
रायबरेली, 11 सितंबर 2025 – कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी इन दिनों दो दिवसीय दौरे पर रायबरेली में हैं। गुरुवार को उन्होंने ऊंचाहार में दिशा की बैठक (जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति) की अध्यक्षता की, लेकिन यह बैठक अचानक उस समय विवादों में आ गई जब सपा के बागी विधायक मनोज पांडेय ने बैठक का बहिष्कार कर दिया।
बैठक की शुरुआत और विवाद
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बैठक की शुरुआत होते ही ऊंचाहार से विधायक मनोज पांडेय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर राहुल गांधी द्वारा की गई कथित अमर्यादित टिप्पणी का मुद्दा उठा दिया।
- पांडेय ने तुरंत निंदा प्रस्ताव रखा।
- उन्होंने राहुल गांधी से सार्वजनिक रूप से माफी मांगने की मांग की।
- राहुल गांधी ने इसे अस्वीकार किया, जिसके बाद पांडेय गुस्से में बैठक से बाहर निकल गए।
बाहर आकर उन्होंने मीडिया से कहा –
“राहुल गांधी लगातार सर्वोच्च न्यायालय और चुनाव आयोग जैसी संवैधानिक संस्थाओं पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं। जिस एजेंसी से उन्होंने वोटर सर्वे कराया था, उसी ने सार्वजनिक रूप से माफी मांग ली है। राहुल गांधी को भी माफी मांगनी चाहिए।”
“पीएम का अपमान बर्दाश्त नहीं होगा”
मनोज पांडेय ने तीखा बयान देते हुए सवाल उठाया कि आखिर राहुल गांधी ने अब तक रायबरेली और देश के लिए कौन-कौन से विकास कार्य किए हैं? उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
योगी सरकार के मंत्री भी कर चुके हैं विरोध
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इससे पहले बुधवार को, यूपी सरकार के मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने भी राहुल गांधी का काफिला रोकने की कोशिश की थी। उन्होंने धरना देकर राहुल गांधी का विरोध किया और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी को पत्र लिखकर नाराजगी जताई।
राहुल गांधी का जनता दरबार
विवादों के बीच राहुल गांधी ने अपने कार्यक्रम जारी रखे। ऊंचाहार स्थित एनटीपीसी गेस्ट हाउस में उन्होंने जनता दरबार लगाया, जिसमें स्थानीय लोगों और संगठनों ने अपनी समस्याएं रखीं।
- एक दिव्यांग युवक अपने भाई की पीठ पर लदकर राहुल गांधी से मिलने पहुंचा और ट्राइसाइकिल की मांग की।
- व्यापारी संगठन और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन का प्रतिनिधि मंडल भी अपनी समस्याएं लेकर वहां पहुंचा।
राहुल गांधी ने सभी की बात ध्यान से सुनी और आश्वासन दिया कि समस्याओं को उचित मंच पर रखा जाएगा।
निष्कर्ष
रायबरेली की यह बैठक साफ तौर पर बताती है कि राहुल गांधी का यूपी दौरा केवल राजनीतिक रणनीति तक सीमित नहीं है बल्कि विवादों और विरोधों से भी घिरा हुआ है। जहां एक ओर वे जनता से सीधे संवाद कर रहे हैं, वहीं विपक्षी नेता और बागी विधायक लगातार उनकी घेराबंदी कर रहे हैं।






