सीएम की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में कई अहम निर्णय
धान के रकबे में कोई भी चिन्हित फसल की खेती करने वाले किसानों को प्रति एकड़ दस हजार रूपए की सहायता दी जाएगी। राज्य में धान के अलावा अन्य फसलों को प्रोत्साहन के लिए सरकार यह स्कीम ला रही है। इसी तरह किसान न्याय योजना का दायरा बढ़ाते हुए खरीफ सीजन 2020-21 में धान तथा 2021-22 से धान के साथ ही खरीफ की सभी प्रमुख फसलों पर सालाना 9000 रूपए की मदद दी जाएगी। इसके साथ ही सरकार तीन हजार रूपए समर्थन मूल्य में कोदो की खरीदी करेगी।
बुधवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद उपसमिति की बैठक में कई अहम निर्णय लिए गए। अब गौठानों में तैयार सुपर कंपोस्ट खाद न्यूनतम छह रूपए प्रति किलो की दर से किसानों को उपलब्ध कराई जाएगी। यह भी कहा गया है कि साल 2020-21 में जिन किसानों ने समर्थन मूल्य पर धान बेचा है, यदि वह धान के बदले कोदो-कुटकी, गन्ना, अरहर, मक्का, सोयाबीन, दलहन, तिलहन, सुगंधित धान, अन्य फोर्टिफाइड धान की फसल लेते हैं अथवा वृक्षारोपण करते हैं तो उन्हें प्रति एकड़ 9 हजार रूपए के स्थान पर 10 हजार रूपए की मदद दी जाएगी। वृक्षारोपण करने वालों को तीन वर्षों तक अनुदान मिलेगा। बैठक में मंत्री परिषद उपसमिति के सदस्य रविन्द्र चौबे, मोहम्मद अकबर, डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, अमरजीत भगत उपस्थित थे। इसके सीएम के सलाहकार प्रदीप शर्मा, सीएस अमिताभ जैन,एसीएस सुब्रत साहू, कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. एम गीता, खाद्य सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह, वित्त सचिव अलरमेल मंगई डी, सीएम के सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी, सचिव कृषि अमृत खलको, राजस्व सचिव रीता शांडिल्य उपस्थित थीं।
अन्य फसलों का भी पंजीयन
कृषि विभाग के पंजीयन पोर्टल में धान के साथ साथ अन्य फसलों के पंजीयन के लिए इस पोर्टल को अपग्रेड किया जाएगा। इसी तरह खरीफ फसलों की गिरदावरी के संबंध में भी चर्चा की गई और संबंधित विभाग के अधिकारियों को इसका एक्शन प्लान तैयार करने के निर्देश दिए गए।
’सुपर कम्पोस्ट’
सरकार की नरवा, गरूआ ,घुरवा बाड़ी योजना के अंतर्गत बनाए गए गौठानों में 2 रुपए किलो की दर से गोबर की खरीदी की जा रही है और इससे महिला स्व सहायता समूहों के माध्यम से बड़े पैमाने पर वर्मी कम्पोस्ट खाद का निर्माण भी किया जा रहा है।
इन गौठानों में अतिशेष गोबर से सुपर कम्पोस्ट खाद का उत्पादन भी किया जा रहा है। अतिशेष गोबर से तैयार की जाने वाली आर्गेनिक मैन्योर खाद, सीएम ने अतिशेष गोबर से तैयार होने वाली आर्गेनिक मैन्योर खाद को सुपर कम्पोस्ट नाम दिया है। उन्होंने इसकी मार्केटिंग की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। यह खाद वास्तव में बेसल डोज खाद है। जिसे गोबर की कम्पोस्टिंग कर तैयार किया जाता है। यह बेहतर गुणवत्ता वाली खाद है, जिसका उपयोग किसान खेती में कर सकेंगे। यह खाद किसानों को न्यूनतम मूल्य 6 रुपए प्रति किलो की दर से उपलब्ध कराई जाएगी।
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