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फाइलेरिया उन्मूलन और के लिए शुरू हुआ विशेष अभियान
  • Written by - News Valley24 Desk
  • Last Updated: 20 जुलाई 2021,  01:43 PM IST

जिले में कुल 2 लाख 41 हजार 826 एम.डी.ए का लक्ष्य

 रायपुर /  राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत लिम्फेटिक फाइलेरिया उन्मूलन और कृमि मुक्ति दिवस के लिए आज 19 जुलाई से रायपुर जिले में विशेष अभियान शुरू किया गया। यह अभियान 24 जुलाई तक जारी रहेगा। उल्लेखनीय है कि रायपुर जिले में आरंग, अभनपुर, नायापारा तथा रायपुर शहर की पुरानी बस्ती खपराभट्ठी क्षेत्र फाइलेरिया रोग के लिए संवेदनशील क्षेत्र में आते है। इसी तरह बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए कृमि से मुक्ति जरूरी है।





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मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय में आज सुबह सामूहिक दवा सेवन के माध्यम से इस अभियान का शुभारंभ किया गया। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ मीरा बघेल ने स्वयं भी डी.ई.सी. और अल्बेंडाजोल का टेबलेट खायी।





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मुख्य चिक्तिसा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि रायपुर जिले में दवा खाने योग्य जनसंख्या 2,41,826 का लक्ष्य रखा गया हैं। इसकें लिए 8,124 टीम लगायी गयी है। इसके तहत दवाखाने की जनसंख्या को उनके उम्र अनुसार डी.ई.सी तथा अल्बेंडाजोल की खिलाई जानी है।





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जिला मलेरिया अधिकारी डॉ विमल किशोर राय द्वारा सभी स्टॉफ को दवा के फायदे के बारे में बताया गया तथा इसे खाना क्यू जरूरी है, इसकी जानकारी दी। कार्यालय में उपस्थित सभी स्टाफ ने भी सामूहिक दवा सेवन ( एम.डी.ए ) करके अपने आप को हाथी-पांव बीमारी से सुरक्षित किया। उन्होंने नागरिकों से अपील की कि दवा खा कर अपना बचाव आवश्यक करें।





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उन्होंने एम.डी.ए प्रोग्राम एवं लिम्फेटिक फाईलेरिसिस के बारे में बताया कि यह एक परजीवी के द्वारा होने वाला रोग है। यह लिम्फेटिक फाइलेरिएसिस वाउचेरेरिया बैंक्रपटाई तथा बु्रजिया मलाई नामक निमेटोड के कारण होता है। नर एवं मादा परजीवी मनुष्य के लिम्फनोड में रहते है, जहां पर मादा हजारों की संख्या में माईक्रोफाईलेरिया उत्पन्न करती हैं।





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समुदाय में दवा खाने योग्य प्रत्येक व्यक्ति यदि डी.ई.सी. अल्बेन्डाजॉल की एकल खुराक एम.डी.ए. में खा लेता है, तो उसके रक्त में उपस्थित माईक्रोफाईलेरिया नष्ट हो जाते है। इससे आगे संक्रमण नहीं होगा साथ लगातार 5-6 वर्षों तक एम.डी.ए. के दौरान एकल खुराक खाने के बाद आने वाली पीढी को फाईलेरिया से मुक्त कर सकते हैं। 





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आयु के अनुसार 2 से 5 वर्ष के बच्चों को डी.ई.सी की 1 टेबलेट, 6 से 14 वर्ष बच्चों को 2 टेबलेट तथा 15 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों को 3 टेबलेट और इन सभी आयु वर्ग के लोगों को अल्बेन्डाजाॅल की 1' टेबलेट दी जाएगी। यह टेबलेट गर्भवती महिला, दो वर्ष से छोटे बच्चों और अत्यन्त वृद्ध व्यक्ति, जो गंभीर बीमारी से ग्रस्त है उन्हें नहीं दी जाएगी।





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