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व्हाइट फंगस से छोटी-आंत और बड़ी आंत में छेद
  • Written by - News Valley24 Desk
  • Last Updated: 27 मई 2021,  12:51 PM IST

4 घंटे की सर्जरी के बाद एंटीफंगल ट्रीटमेंट शुरू

क्या था केस?
13 मई को 49 साल की महिला गंगाराम अस्पताल में इमरजेंसी में लाई गई। उसके पेट में तेज दर्द था। उसे उल्टियां और कब्ज हो रही थी। उसके केस के मुताबिक, कैंसर के चलते उसका एक वक्ष हटाया गया था और 4 हफ्ते पहले उसकी कीमोथैरेपी खत्म हो गई थी। उसे सांस लेने में भी परेशानी आ रही थी।





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जांच में क्या सामने आया?
सीटी स्कैन में मरीज के पेट में लिक्विड और एयर पाई गई। डॉक्टर्स को इससे पता चला कि उसकी आंतों में छेद है। इसे तुरंत पाइप के जरिए निकाला गया। लेकिन, ये केवल फौरी राहत थी। डॉ. समीरन नंदी की टीम ने तुरंत ऑपरेशन की तैयारी की। 4 घंटे तक चली सर्जरी के बाद महिला के फूड पाइप, छोटी आंत और बड़ी आंत के छेद बंद किए गए। आंत से गैंगरीन भी काटकर निकाल दी गई।





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व्हाइट फंगस का पता कैसे पता चला?
डॉ. अनिल अरोड़ा और डॉक्टर नंदी ने बताया कि ऑपरेशन के बाद आंत का एक टुकड़ा बायोप्सी के लिए भेजा गया। इससे पता चला कि आंतों में व्हाइट फंगस है। इसकी वजह से आंतों के भीतर फोड़े हो गए और इससे छेद भी हुए। मरीज के कोविड'9 एंटीबॉडी लेवल बढ़े थे। ब्लड टेस्ट के व्हाइट फंगस का लेवल भी बढ़ा हुआ मिला।





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ये मामला रेयर क्यों है?
डॉ. अरोड़ा कहते हैं- कोविड ट्रीटमेंट में स्टेरॉयड के इस्तेमाल के चलते आंत में छेद के कुछ मामले सामने आए थे, पर व्हाइट फंगस के चलते छोटी आंत, बड़ी आंत और खाने की नली में छेद का मामला शायद दुनिया में पहला है। शरीर के तीन अहम अंगों में व्हाइट फंगस का मामला किसी मेडिकल लिटरेचर में पब्लिश नहीं हुआ है।





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इस रेयर केस की वजह क्या है?
डॉ. अरोड़ा के मुताबिक, 3 कारण थे, जिनकी वजह से ये केस रेयर बन गया। कैंसर, उसके लिए दी गई कीमोथैरेपी और हाल ही में हुआ कोविड इन्फेक्शन। इससे मरीज की रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत घट गई थी। व्हाइट फंगस सामान्य तौर पर इतना नुकसान नहीं पहुंचाता, पर इन तीन वजहों से उसने मुख्य अंगों को काफी नुकसान पहुंचा दिया।





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अभी मरीज की क्या स्थिति है?
सर्जरी के चलते मरीज की आंतों के छेद बंद कर दिए गए हैं। अब उसका एंटीफंगल ट्रीटमेंट शुरू किया गया है। उसकी हालत स्थिर है और उम्मीद है कि कुछ दिनों में उसे डिस्चार्ज कर दिया जाएगा।





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