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महिला समूह ने बेचा 10 लाख का वर्मी कम्पोस्ट
  • Written by - News Valley24 Desk
  • Last Updated: 18 सितम्बर 2021,  06:40 PM IST

मिले पैसों से अजारमती ने बच्चे की पढ़ाई के लिए लिया स्मार्ट फोन

रायगढ़/ शासन की महत्वकांक्षी योजना गोधन न्याय योजना आज गांवों में स्वालंबन की नयी तस्वीर खींच रही है। जैविक खेती को बढ़ावा देने के साथ स्थानीय स्तर पर रोजगार के मौके सृजित करने के दोहरे लक्ष्य के साथ शुरू की गयी योजना के आज सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। गोधन न्याय योजना से पशुपालकों को गोबर बेच कर अतिरिक्त आय कमा रहे हैं और किसानों द्वारा वर्मी कम्पोस्ट के उपयोग से जैविक कृषि के रकबे में विस्तार हो रहा है। तो वहीं इस योजना से जुड़कर वर्मी कम्पोस्ट का निर्माण करने वाली महिला समूह के लिए ये योजना अपने गांव अपने घर के करीब स्वावलंबन का जरिया साबित हो रहा है। रायगढ़ जिले के लैलूंगा विकासखंड के कोडासिया गौठान में महिला समूहों ने अब तक 10 लाख रुपये से अधिक का वर्मी कम्पोस्ट बेचा है। वर्मी कम्पोस्ट निर्माण से मिले आय से महिलाएं अपने घर चलाने में सहभागी बन रही हैं। किसी ने अपने बच्चे की ऑनलाइन पढ़ाई के लिए मोबाइल लिया तो कोई अपनी बेटी को नर्सिंग की पढ़ाई करवा रही है।





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  गोठान की नोडल अधिकारी ने बताया कि गोठान ग्राम कोड़ासिया में समूह द्वारा अब तक 1002.95 क्वि.वर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन किया गया है। जिसमें से 10 लाख रुपये से अधिक की राशि का लगभग 1002.75 क्विटल वर्मी का विक्रय भी महिला समूहों ने कर लिया है। प्राप्त लाभांश राशि का उपयोग महिलाएं अपनी मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति के साथ बच्चों की पढ़ाई-लिखाई में कर रही हैं, इसके साथ ही महिलाएं सामूहिक रूप की जाने वाली कृषिगत गतिविधि में भी राशि का उपयोग कर रही हैं।





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कोडासिया गौठान में वर्मी कम्पोस्ट निर्माण में लगे समूह की सदस्य अजारमती ने कम्पोस्ट बेचकर मिले रुपयों से अपने बेटे की ऑनलाइन पढाई के लिए स्मार्ट फोन लिया है। वे कहती हैं कि कोविड के चलते जब स्कूल कॉलेज बंद हो गए थे और ऑनलाइन पढाई हो रही थी। ऐसे में उन्होंने वर्मी कम्पोस्ट बेचकर मिले पैसों से एक स्मार्ट फोन लिया ताकि बच्चे की पढ़ाई जारी रहे। इसी प्रकार समूह की भगवती श्रीवास को मिले पैसों का उपयोग अपनी बेटी की बी.एस.सी.नर्सिंग की पढ़ाई के साथ अपनी छोटी बेटी के स्कूल की पढ़ाई में किया है। इसी प्रकार समूह की अन्य महिलाओं ने भी उन्हें मिले पैसों का उपयोग बच्चों की पढाई से लेकर अपने घरेलू कार्यों में किया है। महिला समूह की अध्यक्ष भगवती श्रीवास कहती है कि गौठानों में संचालित गोधन न्याय योजना से उन्हें अपने घर के करीब ही एक नियमित रोजगार का साधन मिल गया हैं। जहाँ महिलाएं अपने घरेलू कार्य निपटाने के बाद आकर काम कर आय अर्जित कर सकती हैं। इससे उन्हें अपने घर और बच्चों की जरूरतों को पूरा करने में मदद मिल रही है। इससे महिलाओं में आत्मविश्वास भी 





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