गाज गिरने से 25 मवेशी मरे
वहीं सोमवार की सुबह-सुबह बस्तर पहुंचे चक्रवात गुलाब के असर से बस्तर के कई इलाकों, दक्षिण बस्तर में सुबह आंधी के साथ तेज बारिश हुई है। सुकमा जिले के गादीरास इलाके में आंधी में पेड़ गिरने से सुकमा-दंतेवाड़ा मार्ग कई घंटे बंद रहा और दर्जनों गांवों में बिजली गुल हो गई। दंतेवाड़ा के गदापाल गांव से लगे जंगल में चरने गए मवेशियों पर शाम को बिजली गिरी। 25 मवेशियों की मौके पर ही मौत हो गई। आंधी के कारण सुकमा, बीजापुर और दंतेवाड़ा में कई जगह पेड़ गिरने और बिजली गुल की सूचना है। इस दौरान बस्तर के अधिकांश हिस्से में औसतन 3 सेमी पानी बरसा है। इसके अलावा प्रदेश के बाकी हिस्से में तूफान के असर से गहरे बादल आते-जाते रहे और हवा की रफ्तार दिनभर औसत से दोगुनी या अधिक (8'0 किमी प्रतिघंटा) रही।
पश्चिम की ओर बढ़ रहा है चक्रवात
‘गुलाब’ कमजोर पड़कर पश्चिम की ओर बढ़ रहा है। इसके ओडिशा, तेलंगाना और महाराष्ट्र में बढ़ने की आशंका है। अगले 24 घंटे में तेलंगाना, छत्तीसगढ़, विदर्भ, मराठवाड़ा, महाराष्ट्र, गुजरात, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है। तेलंगाना के 14 और महाराष्ट्र के 11 जिलों के लिए भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया गया है। मुंबई में भी मंगलवार को भारी बारिश होने की आशंका है।
दो से तीन सेमी बारिश
मौसम विभाग के अनुसार पिछले 24 घंटे के दौरान यानी सुबह साढ़े आठ बजे तक छिंदगढ़ और दरभा में 30 मिमी तक बारिश हो गई। सुकमा, भैरमगढ़, बास्तानार, कोंटा, पंडरिया, डौंडीलोहारा, गीदम, अंबागढ़ चौक, लोरमी, तोकापाल और प्रतापपुर में 20 मिमी बारिश हुई। सोमवार को बस्तर में गहरे बादल रहे।
तीव्रता कम, पर वर्षा आज भी
मौसम विभाग के अनुसार गुलाब तूफान दक्षिण बस्तर से तेलंगाना की ओर आगे बढ़ गया है और तीव्रता भी कम हो गई है। लेकिन अगले दो दिनों तक प्रदेश में नमी बनी रहेगी। इससे राज्य में कहीं-कहीं पर बादल रहने और गरज-चमक के साथ हल्की से मध्यम तथा कुछेक जगहों पर भारी बारिश होने की संभावना है।
आंध्र व ओडिशा में भी बारिश
तूफान रविवार-सोमवार की रात गहरे अवदाब में बदलने के बाद ओडिशा और आंध्रप्रदेश के तटों पर पहुंचा। इस दौरान दोनों राज्यों में भारी बारिश हुई। आंध्रप्रदेश में 53.2 और ओडिशा में औसतन 16 मिमी बरसा। 11 बजे तक तूफान बस्तर के दक्षिण हिस्से में बीजापुर, सुकमा और कोंटा होते हुए तेलंगाना की तरफ बढ़ गया।
महीनेभर पहले मांगी थी रिपोर्ट, सूखा टल गया लेकिन उत्पादन
10 से 20% घटने की आशंका प्रदेश में सूखे की स्थिति लगभग खत्म हो गई है। सरकार ने पिछले महीने जिलों से सूखे की स्थिति पर रिपोर्ट मांगी थी, लेकिन अब इसकी जरूरत नहीं बताई जा रही है क्योंकि शासन तक सूचनाएं पहुंची हैं कि अधिकांश स्थानों पर सूखे की स्थिति नहीं बची है। केवल कांकेर व सरगुजा में ही औसत की 70 प्रतिशत या कम बारिश हुई है, लेकिन इसके भी कवर होने की उम्मीद है। फिर भी, अगस्त से सूखे से फसलों को नुकसान हुआ है और शासन को आशंका है कि उत्पादन 10-20 फीसदी तक कम हो सकता है। शासन ने कलेक्टरों से 25 अगस्त को फसलों की स्थिति को लेकर प्रतिवेदन मंगवाया था। कांकेर व सरगुजा में तथा रायपुर, दुर्ग व बिलासपुर के मैदानी इलाकों में कम पानी से फलों के खराब होने की आशंका थी।
एक्सपर्ट व्यू -डाॅ. संकेत ठाकुर, कृषि वैज्ञानिक
जहां अवर्षा, वहां बाली में बीज कम
जिन इलाकों में अवर्षा के हालात थे, वहां सितंबर में पानी गिरने से फसलें बच गई हैं। उनमें बालियां भी आ गई हैं लेकिन एक बात साफ नजर आ रही है कि बालियों में बीच कम है। जहां हालात काफी खराब थे, वहां भी खेतों से 50 फीसदी तक दाने मिल ही जाएंगे। जहां पहले से ठीक-ठाक बारिश थी, वहां बालियों से 70 से 100 प्रतिशत तक धान मिल सकता है। अर्थात, प्रदेश में कहीं भी ऐसी स्थिति नजर नहीं आ रही है कि फसल को खेत में चरने के लिए छोड़ने की नौबत है।
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