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कोरोनाकाल में अभिभावकों ने किया सरकारी स्कूलों का रुख, 1105 शालाओं में बढ़ गए 14 हजार स्टूडेंट्स
  • Written by - News Valley24 Desk
  • Last Updated: 29 सितम्बर 2021,  11:21 AM IST

पालकों की नौकरी छूटने और नए सरकारी इंग्लिश मीडियम स्कूल खुलने से ज्यादातर ने करवाए एडमिशन





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हालात को देखते हुए सरकार ने स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल खोले और जिन लोगों के बच्चे प्राइवेट स्कूलों में मंहगी फीस देकर पढ़ रहे थे, उन्होंने बच्चों को सरकारी स्कूलों में दाखिल करवाया है। वहीं जनरल प्रमोशन की वजह से कोई भी विद्यार्थी फेल कोई नहीं हुआ। बता दें कि 60 निजी स्कूल भी कोरोना की वजह से बंद हुए, जहां पढ़ने वाले स्टूडेंट्स सरकारी स्कूलों में आए। आंकड़ों के मुताबिक जिले में 1105 सरकारी स्कूल हैं। गौरतलब है कि अब तक इन सरकारी स्कूलों में अपने बच्चों को लोग कई कारणों ने नहीं पढ़ाते थे पर कोरोना के कारण आई दिक्कतों के चलते पढ़ाई का सहारा बने हैं।





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जानिए, कैसे बढ़ी छात्रों की संख्या: सरकारी स्कूलों व छात्रों के एडमिशन का एक तुलनात्मक विवरण
कोरोना से पहले इन स्कूलों में शैक्षणिक सत्र 2019-20 में 1 लाख 57 हजार 378 िवद्यार्थी पढ़ रहे थे। वहीं कोरोना महामारी की शुरुआत के बाद साल शैक्षणिक सत्र 2020-21 में सरकारी स्कूलों की दर्ज संख्या 1 लाख 62 हजार 19 थी। इस साल 4 हजार 781 बच्चों ने ज्यादा दाखिला लिया। वर्तमान शैक्षणिक सत्र वर्ष 2021-22 में दाखिला और बढ़ा। इस साल अब तक 9 हजार 126 से ज्यादा विद्यार्थियों ने सरकारी स्कूलों में दाखिला लिया है। कोरोना काल में कुल 13907 विद्यार्थी सरकारी स्कूलों में बढ़े हैं। इस शैक्षणिक सत्र में कुल दर्ज संख्या 1 लाख 71 हजार 145 से अधिक पहुंच चुकी है।





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सरकारी स्कूलों में एडमिशन बढ़ने की 4 वजहें, जानिए





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पहला- पालकों की नौकरी छूटी : कोरोनाकाल के दौर में उद्योग धंधे बंद रहे। कई निजी कंपनियों ने काम से अपने कर्मियों को निकाल दिया। परेशानी बढ़ी। इसकी वजह से जो निजी स्कूलों में अपने बच्चों की पढ़ाई करवा रहे थे, उन्होंने अपने बच्चों का एडमिशन कराया।





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दूसरा- सरकार ने बगैर टीसी दिया दाखिला : सरकारी स्कूलों में बिना टीसी के भी दाखिला लेने का आदेश जारी किया। इससे जिन पालकों ने निजी स्कूलों में फीस नहीं जमा कर पाए थे, उन्होंने बच्चों को बिना टीसी के सरकारी स्कूलों में भर्ती करवा दिया। अब उनकी पढ़ाई जारी शुरू हो गई है।





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तीसरा- इंग्लिश मीडियम स्कूलों में मुफ्त शिक्षा : सरकार ने नए इंग्लिश मीडियम स्कूल खोले, जहां मुफ्त शिक्षा की सुविधा मिली। इसलिए पालकों ने बच्चों को इन स्कूलों में भर्ती करवाना शुरू कर दिया है। अमूमन सभी सरकारी स्कूलों में एडमिशन फुल हो चुके हैं। कहीं एडमिशन हो रहे हैं।





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चौथा- जनरल प्रमोशन से सभी उत्तीर्ण : जनरल प्रमोशन की वजह से सभी विद्यार्थी उत्तीर्ण होकर अगली क्लास में चले गए। जबकि हर साल औसतन 7 प्रतिशत बच्चे अपनी क्लास में फेल हो जाते हैं।





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सबसे ज्यादा नवमीं और ग्यारहवीं कक्षा में छात्र





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शैक्षणिक सत्र 2021- 22 चालू शिक्षण सत्र में नवमीं और ग्याहरवीं कक्षा में दाखिले के लिए मारामारी की स्थिति देखने को मिली। नवमीं कक्षा में शैक्षणिक सत्र 2020-21 में 15789 विद्यार्थी अध्ययनरत थे, जो बढ़कर 16905 हो गए हैं। इस तरह इस कक्षा में 2116 विद्यार्थी बढ़े हैं। ग्यारहवीं कक्षा में 10504 विद्यार्थी थे, जो बढ़कर 19860 हो गए हैं। इस तरह 9356 विद्यार्थी बढ़े हैं।





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इंग्लिश मीडियम स्कूलों में दर्ज संख्या 12 हजार पहुंची





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जिले में 17 स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल संचालित हैं। इनमें सरकार ने सात नए इंग्लिश मीडियम स्कूल खोलें हैं। 10 स्कूलों का संचालन पिछले आठ साल से हो रहा था। उसे अपग्रेड करके आठवीं से बारहवीं तक किया जा चुका है। इसी तरह सात नए स्कूलों में इस साल शुरूआत से ही पहली से लेकर बारहवीं तक पढ़ाई करवाई जा रही है। इन स्कूलों में 12 हजार से ज्यादा विद्यार्थी पढ़ रहे हैं।





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अब भी हो रहे हैं दाखिले, बिना टीसी भी मिलेगा प्रवेश





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हमारे सरकारी स्कूलों में अब भी दाखिला चल रहा है। इस बार सभी बच्चे पास हुए हैं। अंग्रेजी माध्यम स्कूल खुलने से निजी स्कूलों के बच्चे आए हैं। हमने बिना टीसी के एडमिशन की सुविधा रखी थी। इसलिए बच्चे बढ़े हें





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