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निमोनिया के केस बढ़ रहे
  • Written by - News Valley24 Desk
  • Last Updated: 12 नवम्बर 2021,  12:37 PM IST

ओपीडी में 40% मरीज, मौतें भी

दरअसल, शहर में ठंड बढ़ने के साथ केवल बच्चों में ही नहीं बड़ी उम्र के लोगों में भी निमोनिया के मामले बढ़ रहे हैं। यही नहीं सर्दी, खांसी बुखार, गले में खराश, एलर्जी, सांस की बीमारियों के मामलों में भी बढ़ोतरी देखी जा रही है। जानकारों के मुताबिक दशहरे से ही लगातार मौसम में बदलाव देखा जा रहा है। जिसके चलते इस तरह की बीमारियां बढ़ रही है। राजधानी के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल अंबेडकर में बीते 15 दिन में मेडिसिन और चेस्ट टीबी विभाग की ओपीडी में साढ़े 3 हजार से अधिक मरीज इस तरह की शिकायतों के साथ इलाज के लिए पहुंचे हैं। सर्दी के साथ बुजुर्गों और बच्चों में भी बैक्टिरियल और वायरल दोनों तरह के निमोनिया के मामले देखे जा रहे हैं। पड़ताल में पता चला है कि फिलहाल की स्थिति में महिलाओं में भी निमोनिया के मामले काफी देखे जा रहे हैं। अंबेडकर अस्पताल के चेस्ट और टीबी विभाग की ओपीडी में हर दिन 70 से 80 मरीज पहुंच रहे हैं। जिसमें से 30 से 40 फीसदी मरीजों में निमोनिया देखा जा रहा है। इनमें भी 10 से 20 मरीजों में सीवियर निमोनिया के लक्षण देखे जा रहे हैं। कुछ एक मामलों में सीवियर निमोनिया से मरीजों की मौत तक हो रही है। डॉक्टरों की मानें तो सीवियर निमोनिया के एक से दो प्रतिशत तक मरीजों की इन दिनों मौत हो रही है।





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निमोनिया से फेफड़ों को नुकसान कोमॉर्बिडिटी में मौत तक
श्वसन रोग का इलाज करने वाले शहर के डॉक्टरों के मुताबिक सीवियर स्थिति में निमोनिया फेफड़े को काफी नुकसान पहुंचा रहा है। यही नहीं ऐसे मरीज जिनको पहले से टीबी, डायबिटीज, कैंसर या हार्ट की बीमारियां हैं यानी वे मरीज जो पहले से कोमॉर्बिडट हैं उनमें सीवियर निमोनिया के लक्षण जानलेवा तक साबित हो रहे हैं। इसलिए डॉक्टरों के मुताबिक इस स्थिति में सावधानी बहुत ज्यादा जरूरी है। हालांकि सर्दी खांसी बुखार जैसे लक्षण पर मरीजों की कोरोना जांच भी करवाई जा रही है किंतु ज्यादातर मरीजों में सीजनल वायरल या बैक्टिरियल इंफेक्शन के मामले ही सामने आ रहे हैं।





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