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सीटी स्कैन व एमआरआई की सुविधा नहीं
  • Written by - News Valley24 Desk
  • Last Updated: 16 नवम्बर 2021,  10:03 AM IST

केस रेफर हो रहे, बाहर इलाज कराना पड़ रहा भारी

अस्पताल की शिफ्टिंग हुई है तब से प्रबंधन केवल यह बताता आ रहा है कि जल्द मशीनें आएंगी पर कब तक सुविधा उपलब्ध होगी? यह कोई नहीं बता पा रहा है। हाल ही में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के आगमन पर शहर के लोगों ने लिखित में इन सुविधाओं की मांग रखी थी।





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बैठक में उठी थी मांग: स्वशासी समिति की बैठक में भी सदस्यों ने इन कमियों को गिनाते हुए मंत्री से कहा था कि बाहर में जांच करवाना भारी पड़ रहा है, क्योंकि एक जांच के लिए ढाई से तीन हजार रुपए देने पड़ जाते हैं। भास्कर ने पड़ताल की तो पता चला कि डॉक्टर ज्यादा मरीजों को सीटी स्कैन और एमआरआई कराने की सलाह दे रहे हैं, क्योंकि इस रिपोर्ट के आधार पर ही डॉक्टर इलाज शुरू कर पाते हैं।





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डॉक्टर रोज लिख रहे, भटक रहे मरीज
रोज 10 से 12 मरीजों को सीटी स्कैन की सलाह दी जा रही है। ओपीडी पर्ची में जांच कराने की सलाह लिखे होने पर मरीज अस्पताल परिसर में भटकते रहते हैं पर जब पता चलता है कि मशीन यहां नहीं हैं तो निराश हो जाते हैं पर मजबूरी में निजी सेंटरों में जांच करा रहे हैं। इमरजेंसी केस के लिए अस्पताल प्रबंधन की ओर से जिला अस्पताल की मशीन का इस्तेमाल कर लिया जा रहा है पर बार-बार मरीजों को लाना और ले जाना भारी पड़ रहा है।





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भीतर की स्थिति जानने जांच जरूरी है
विशेषकर दुर्घटना में सिर, पैर, कमर या फिर शरीर के अन्य हिस्सों में चोट लगे होने पर भीतर की स्थिति जानने के लिए यह जांच जरूरी हो जाती है। सीटी स्कैन में अलग-अलग तरह के जांच किए जाते हैं। इसी तरह एमआरआई जांच से बारीक से बारीक चोट या फिर शहरी के भीतर पार्टस की स्थिति का आसानी से पता चल जाता है। इसलिए डॉक्टर दोनों जांच कराने की विशेष रूप से सलाह दे रहे हैं पर जांच के अभाव में मरीज भटक रहे हैं।





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यहां केस लगातार आ रहे
हाइवे से लगा अस्पताल होने की वजह से दुर्घटना के ज्यादातर केस यहीं आ रहे हैं। घायलों की प्रायमरी ट्रीटमेंट के बाद डॉक्टर तत्काल सीटी स्कैन करवा रहे हैं ताकि स्थिति का पता चल सके। इससे घायलों का इलाज जल्द शुरू हो पाता है। एमसीएच को सुविधायुक्त अस्पताल मानकर लोग यहां आ रहे हैं पर जरूरी सुविधाओं के अभाव में परेशानी झेल रहे हैं।





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मेकाहारा रेफर करा रहे
एमआरआई की सुविधा तो सरकारी स्तर पर लोकल में नहीं है। प्राइवेट में गरीब तबके के लोग जांच करा भी रहे हैं तो भारी पड़ रहा है। इसके अलावा मजबूर होकर मरीजों के परिजन मेकाहारा रेफर करवा रहे हैं ताकि वहां सरकारी स्तर पर जांच की सुविधा मिल सके। रोज दो से तीन हेड इंज्युरी के केस रायपुर भेजे जा रहे हैं। सहायक अधीक्षक डॉ सीएस मोहबे ने बताया कि सीटी स्कैन मशीन आने वाली है। खरीदी की प्रक्रिया शासन स्तर पर पूरी कर ली गइ्र है। आने वाले दिनों में एमआरआई की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी।





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