दिव्यांग विश्वविद्यालय का ब्लूप्रिंट राज्यपाल को सौंपा
इस वजह से राज्यपाल अनुसुइया उइके को आकांक्षा के अध्यक्ष केके नायक और लायंस इंस्टीट्यूट ऑफ लर्निंग एंड इम्पावरमेंट रायपुर के अध्यक्ष डॉक्टर अरविंद नेरल ने नए विवि का ब्लूप्रिंट सौंपा है। यह विवि खुलने पर 21 प्रकार की दिव्यांगता से प्रभावित लोगों के लिए डिप्लोमा, सर्टिफिकेट कोर्स, स्नातक, स्नातकोत्तर, पीएचडी एवं शोध कार्य, उच्च गुणवत्ता नियंत्रण और नवाचारी गतिविधियां पढ़ाई जा सकेगी।
सिकलसेल व एसिड अटैक प्रभावित भी
ये हैं 21 प्रकार की दिव्यांगता - सिकलसेल व एसिड अटैक प्रभावित, मूक बधिर, कम दिखना - दृष्टि बाधित, कुष्ट रोग से मुक्त इंसान, सुनने में कठिनाई, हाथ-पांव चलने में दिक्कत, बौद्धिक दिव्यांगता, बौनापन, मानसिक अवसाद से बीमार, ठीक से बोल नहीं पाना, सेरेबल पालसी, मांस-पेशी की दिकक्तें, ब्रेन लकवा, थलसेमिया, भाषा बोलने में कठिनाई, हिमोपिलिया, मल्टीपल डिसएबिलिटी इंक्लूडिंग डीफ ब्वाइंडनेस, पार्किनसंस डिजीज, क्रॉनिक न्यूरोलॉजिकल कंडीशन।
खास बातें
देश में 2.2 प्रतिशत दिव्यांग हैं।
गांवों में 2.3 और शहरों में 2 फीसदी रहते हैं।
महिलाओं से अधिक पुरुष दिव्यांग हैं।
सात साल या उससे अधिक उम्र के 52.2 प्रतिशत साक्षर हैं।
15 वर्ष व उससे अधिक आयु के 19.3 फीसदी मिडिल स्कूल से अधिक पढ़े हैं।
3 से 35 साल तक के 62.9 प्रतिशत दिव्यांग साधारण स्कूलों में नामांकित थे।
अकेले रहने वाले लगभग 3.7 प्रतिशत हैं।
76.4 फीसदी को सहायता ही प्राप्त नहीं हुई।
दिव्यांगों में से केवल 28.8 प्रतिशत के पास दिव्यांगता प्रमाणपत्र था।
शादी एक उत्तरदायित्व
^शादी एक उत्तरदायित्व है। इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि दो दिव्यांगों के विवाह से उनकी संतान पर तो असर नहीं पड़ेगा। इससे दिव्यांगता के बढ़ने की आशंका रहती है। इसके प्रति जागरूकता की जरूरत है। खासतौर से जेनेटिक बीमारियों से प्रभावित लोगों में। विवाह एक दूसरे को सहारा देने व जिम्मेदारी उठाने के लिए हो तो बेहतर है।
-डॉ. सुरभि दुबे, मनोरोग चिकित्सक
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