1928 यूनिक हेल्थ आईडी का टार्गेट, बने सिर्फ 1309, रैंकिंग में दुर्ग प्रदेश में 17 वें स्थान पर, 52905 आईडी बनाकर छग देश में नंबर-1
यहां के 28 जिलों में संयुक्त तौर पर अन्य प्रदेशों के जिलों से अच्छा काम हुआ है। केंद्र ने 16 नवंबर से 11 दिसंबर के बीच प्रदेश के 74910 लोगों की हेल्थ आईडी बना लेने का लक्ष्य दिया था। 52905 आईडी बनाने से 71% लक्ष्य हासिल कर लिया है। धमतरी पहले स्थान पर रहा है। यूनिक आईडी में जिले ने बेहतर काम किया है।
हर किसी की हेल्थ आईडी
74 वें स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के हर नागरिक की एक यूनिक हेल्थ आईडी बनाने की घोषणा की है। इसके तहत हर व्यक्ति की 14 नंबर की हेल्थ आईडी बनाई जानी है। ताकि उस आईडी पर उस व्यक्ति का पूरा मेडिकल रिकॉर्ड सुरक्षित रहे। चाहे वह किसी भी अस्पताल में दिखाया हो।
सब का मेडिकल रिकॉर्ड
इसे इसलिए शुरू किया गया क्योंकि गैर संचारी रोग जैसे शुगर, बीपी, कैंसर मरीजों की संख्या बढ़ रही है। इन मरीजों को जीवन पर्यन्त मेडिकल रिकार्ड रखना होता है। लंबे समय तक रिकॉर्ड सहेजना एक चुनौती होती है। हेल्थ आईडी नंबर पर उसका पूरा मेडिकल रिकॉर्ड रहेगा। उसे वह कहीं से निकाल सकता है।
इलाज में होगी आसानी
डिजिटल हेल्थ आईडी के लिए व्यक्ति आन लाइन भी आवेदन कर सकता है। आगे यह सभी अस्पतालों में ऑनलाइन पंजीकरण कराते ही बन जाएगी। पाइलट प्रोजेक्ट में इसे हेल्थ एंड वैलनेस सेंटरों को बनाने के लिए कहा गया था। जिले में बनी कुल 1309 हेल्थ आईडी जिले के 87 वैलनेस सेंटरों पर बनाई गई है।
हम 20 वें स्थान पर, आगे अच्छा करेंगे
डिजिटल हेल्थ मिशन में देश भर में हम सबसे अच्छा काम किए हैं। प्रदेश के सभी 28 जिलों में दुर्ग को 20 वां स्थान मिला है। आगे हमने अच्छा करने की प्लानिंग बनाई है। पायलेट प्रोजेक्ट में स्वयं को मिले 1938 आईडी के लक्ष्य की तुलना में 1309 ही बना पाए हैं।
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