• +91-9303050009
  • tonewsvalley24@gmail.com
महासमुंद
बारिश के चलते बही क्यारियां, खेत भी डूबे
  • Written by - News Valley24 Desk
  • Last Updated: 3 जनवरी 2022,  01:10 PM IST

किसानों के मेहनत पर फिरा पानी; ककड़ी, तरबूज, खरबूज की क्यारियां उजड़ीं

वहीं बारिश के चलते नदी में पानी की आवक होने के कारण बैराज का गेट खोल दिया गया है। इसके चलते बची-खुची क्यारियां और खेत डूब गए। पानी कम होने पर अब एक बार फिर से इन किसानों को नए सिरे से क्यारियां तैयार करनी पड़ेगी, इससे उन्हें नुकसान झेलना पड़ेगा। फलों की खेती करने वाले किसानों ने बताया कि जनवरी माह से खेती का काम शुरू हो जाता है। इसके लिए दिसंबर महीने में ही क्यारियां तैयार करने का काम पूरा कर लिया गया था, लेकिन ये बारिश में बह गए। अब एक बार फिर से इसी काम काे करना हाेगा। इसके चलते फसल में करीब 20 दिन की देरी हाेगी। बता दें कि महानदी किनारे करीब 7 से 8 हजार हेक्टेयर में किसान ककड़ी, तरबूज, खीरा, खरबूज की खेती करते हैं। मार्च से फसल आनी शुरू हो जाती है।





और भी पढ़े : मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान से फुलदई को मिली एनीमिया से निजात

कोडार में छह इंच बढ़ा पानी
कोडार जलाशय में विगत दिनों हुई बारिश से छह इंच पानी की आवक हुई है। किसानों को पानी देने के बाद कोडार में मात्र 9 फीट 6 इंच पानी था। दो दिन हुई तेज बारिश से कोडार में पानी की आवक बढ़ गई है। अब कोडार में 10 फीट पानी है। गर्मियों में गांवों के निस्तारी के लिए कोडार के पानी को बचा कर रखा गया है। इस साल बारिश अच्छी नहीं होने के कारण गर्मी में खेती करने वाले किसानों को कोडार से पानी नहीं मिल सकेगा।





और भी पढ़े : गुमशुदा की तलाश

कोडार में छह इंच बढ़ा पानी
कोडार जलाशय में विगत दिनों हुई बारिश से छह इंच पानी की आवक हुई है। किसानों को पानी देने के बाद कोडार में मात्र 9 फीट 6 इंच पानी था। दो दिन हुई तेज बारिश से कोडार में पानी की आवक बढ़ गई है। अब कोडार में 10 फीट पानी है। गर्मियों में गांवों के निस्तारी के लिए कोडार के पानी को बचा कर रखा गया है। इस साल बारिश अच्छी नहीं होने के कारण गर्मी में खेती करने वाले किसानों को कोडार से पानी नहीं मिल सकेगा।





और भी पढ़े : लूट के दो आरोपी गिरफ्तार

Add Comment


Add Comment

Get Newspresso, our morning newsletter
Side link