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  • Written by - News Valley24 Desk
  • Last Updated: 6 जनवरी 2022,  01:45 PM IST

कविता संग्रह की समीक्षा गोष्ठी में AU के वाइस चांसलर प्रो. वाजपेयी बोले कवि आंखों में होती है वेदना

बिलासपुर प्रेस क्लब में आयोजित समीक्षा गोष्ठी में कुलपति वाजपेयी ने कहा कि जब रमण किरण उन्हें कार्यक्रम में आमंत्रित करने आए तो उनकी आंखों में मैंने गजब की चमक देखी और मुझे लगा कि कार्यक्रम में जाना चाहिए। क्योंकि आंखे कभी बेईमानी नहीं करती। आंखें ही है जो आपके इश्क, गम ,खुशी, हैसियत और कैफियत को बयां करती है। अभी-अभी मंच से कहा गया कि रमण कभी कोलाज आर्टिस्ट बन जाते हैं, कभी फोटोग्राफर बन जाते है, कभी चित्रकार बन जाते हैं। जो चला नहीं, जो कुचला नहीं, जिसने दर्द नहीं झेला, जिनकी आंखों से वेदना नहीं बहा वो क्या कविता पढ़ेगा।





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वरिष्ठ साहित्यकार श्रीकांत सृजन पीठ के अध्यक्ष रामकुमार तिवारी ने कहा कि रमण किरण अपने स्वाभिमान में जीने वाले कवि हैं। उनके अंदर का जुनून मुझे हमेशा से प्रभावित करता रहा है। पत्रकार, संपादक, चित्रकार, कवि, समाजसेवी तमाम तरह की धाराएं उनके जीवन में दिखाई देती है। हमारे देश में कवि और चित्रकार दिनों तरह के विधाओं की एक लंबी परंपरा रही है। रविन्द्र नाथ टैगोर, शमशेर बहादुर, नवीन सागर ऐसे कवि रहे हैं जो कविता लिखने के साथ-साथ चित्रकारी भी करते रहे हैं। अपने शहर के रमण किरण भी उसी परंपरा के कवि है।





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इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार विश्वेश ठाकरे ने उनके साथ बिताए दिनों को याद किया और बताया कि रमण अपनी धारा में जीने वाला मस्तमौला व्यक्ति है। विशिष्ट अतिथि संजय पांडेय ने कहा रमण किरण बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी है। उनमें एक जुनून है और जिस काम को हाथ में लेते है। उसे वो जुनून के साथ पूरा भी करते है। इस अवसर पर प्रेस क्लब के अध्यक्ष वीरेंद्र गहवई,पूर्व अध्यक्ष तिलकराज सलूजा, गीतकार डॉ.अजय पाठक, सनत तिवारी, सुनीता मिश्रा, बसंत पांडेय, एमडी मानिकपुरी, सुमित शर्मा, नीरज दीवान, शिरीष डामरे, सुनील शर्मा,रामप्रताप सिंह सहित बड़ी संख्या में पत्रकार, साहित्यकार मौजूद रहे।





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