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राजनंदगांव
तीसरी लहर की आधी-अधूरी तैयारी
  • Written by - News Valley24 Desk
  • Last Updated: 7 जनवरी 2022,  11:11 AM IST

25 से ज्यादा डॉक्टर होम आइसोलेट, पेंड्री अस्पताल में इलाज की व्यवस्था लड़खड़ाई

गुरुवार को जिलेभर में 45 कोरोना संक्रमितों की पुष्टि हुई। इनमें से 13 संक्रमित मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल से हैं। इनमें से 7 से 8 डॉक्टर, भर्ती मरीज और कर्मचारी संक्रमित हैं। इस वजह से अस्पताल की व्यवस्था चरमराने लगी है। इधर पेंड्री अस्पताल में पीएम केयर फंड के तहत लगाए गए ऑक्सीजन प्लांट ठीक से काम नहीं कर रहे हैं। प्रेशर डाउन होने से पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं पहुंचने की शिकायत है। डोंगरगढ़ में लगाए गए प्लांट में भी यह समस्या बनी हुई है। इस सभी को देखते हुए प्रशासन द्वारा की गई तैयारी को लेकर सवाल उठा जा रहे हैं। वहीं बढ़ते हुए संक्रमण को देखते हुए सभी तैयारियां पूरी करने हिदायत दी जा रही है।





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लगातार खतरा बढ़ रहा है, सतर्क रहने कर रहे अपील प्रभारी सीएमएचओ डॉ.अल्पना लुनिया ने बताया कि शहर के साथ ही ब्लॉक स्तर से भी कोविड संक्रमित सामने आ रहे हैं। इसलिए सैंपलिंग बढ़ा दी गई है। जिलेभर में रोज साढ़े 4 हजार से ज्यादा सैंपल ले रहे हैं। लोगों को प्राइवेट लैब में सैंपल देकर जांच कराने की भी सुविधा दी गई है। गुरुवार को जिलेभर से 45 केस मिले हैं। इनमें से कुछ पेंड्री अस्पताल के डॉक्टर भी शामिल हैं। पेंड्री मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल की डीन डॉ.रेणुका गहने ने बताया कि संक्रमण की रफ्तार रोकने प्रयास कर रहे हैं। पूरे स्टाफ को कोविड प्रोटोकाल का पालन करने कहा जा रहा है।





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जूनियर व इंटर्नशिप वाले डॉक्टर हॉस्टल में रहते हैं
इस तरह अस्पताल में सभी वार्डो में संक्रमण फैल रहा है पर अस्पताल प्रबंधन की ओर से इसकी रोकथाम के लिए कोई ठोस उपाए नहीं किए गए हैं। अफसर केवल समीक्षा करने की बात कह रहे हैं। दरअसल जूनियर डॉक्टर और इंटर्नशिप वाले डॉक्टर एक साथ हॉस्टल में रहते हैं। इसके चलते ये एक-दूसरे के संपर्क में आकर संक्रमित हो रहे हैं। संक्रमित हो रहे डॉक्टरों को भर्ती करने की बजाए सीधे हॉस्टल में ही होम आइसोलेट कर इलाज करवाया जा रहा है। पूरे स्टाफ को प्रोटोकाल का पालन करने सहित सभी नियमों का पालन करने कहा गया है।





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इधर कथा में भक्तजनों के प्रवेश पर लगाया प्रतिबंध
इधर शहर में संक्रमण के बढ़ते केस को देखते हुए म्युनिसिपल स्कूल में चल रही श्रीमद् भागवत कथा स्थल पर श्रद्धालुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। बताया गया कि श्रद्धालु दोपहर 1 से शाम 4 बजे तक सत्संग चैनल पर सीधा प्रसारण दे सकते हैं। आयोजन समिति ने बताया कि यहां स्वामी इंद्रदेवेश्वरानंद सरस्वती महाराज की भागवत कथा 3 जनवरी से जारी है। यह 9 जनवरी तक रखी गई है। बढ़ते संक्रमण को देखते हुए यहां भक्तजनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। मेडिकल टीम ने गुरुवार को कथा स्थल पर पहुंचकर श्रद्धालुओं के सैंपल लिए थे पर राहत की बात यह है कि एक भी संक्रमित नहीं पाए।





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प्रबंधन की नींद उड़ी
डॉक्टरों की कमी है, रूटीन में जूडा और इंटर्नशिप डॉक्टरों की ड्यूटी लगती है पर इनके संक्रमित पाए जाने से अस्पताल प्रबंधन की नींद उड़ गई है। वार्डों में इनकी ड्यूटी रहती है। ये मरीजों के संपर्क में आ रहे हैं। इसलिए सैंपलिंग लेने पर भर्ती मरीजों की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आ रही है।





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तीसरी लहर में यह लापरवाही भारी पड़ रही





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