प्रदेश के 5 जिले सहित ओडिशा में 150 करोड़ की ठगी, सीज किया बैंक खाता, मुंबई का दफ्तर सील
तीनों को सूरजपुर पुलिस ने गिरफ्तार किया। इसकी जानकारी मिलने के बाद देवरी पुलिस वहां पहुंचकर आरोपियों को बालोद लाकर यहां दर्ज मामले में नियमानुसार गिरफ्तारी व जेल भेजने की कार्रवाई की। पुलिस के अनुसार आरोपियों ने प्रदेश के 5 जिले सहित ओडिशा में 150 करोड़ रुपए की ठगी की है। ठगी का रकम जिस बैंक खाता में जमा है, उसे सीबीआई, ईडी ने सीज कर दिया है। वहीं मुंबई का ऑफिस सील किया गया है। प्रारंभिक जांच के दौरान यह खुलासा है कि कुल जमा राशि का एक साल में 10 प्रतिशत ब्याज देने का झांसा देकर लोगों से पैसा जमा करवाकर ठगी करते थे। आरोपियों ने जिले के देवरी क्षेत्र के 32 लोगों से 22 लाख रुपए की ठगी की है। इसके अलावा छत्तीसगढ़ के सूरजपुर में 98 लाख रुपए की ठगी की है। सूरजपुर के टीआई दीपक पासवान ने बताया कि चिटफंड कंपनी का अवैध कारोबार छत्तीसगढ़ व ओडिशा में फैला हुआ था।
अपराध दर्ज होने के पहले 3 डायरेक्टर इस्तीफा दे चुके
देवरी थाने में अपराध दर्ज होने के पहले कंपनी के 3 डायरेक्टर इस्तीफा दे चुके थे। इस चिटफंड कंपनी का मुंबई सहित अन्य स्थानों में कार्यालय है और ओडिशा व अन्य स्थानों में प्लाट, जमीन भी मिली है। जिसे सीबीआई, ईडी ने सील कर आरोपियों के बैंक में जमा लगभग 150 करोड़ रुपए को सीज कर लिया है। आज से 18 साल पहले 2004 से चार डायरेक्टरों ने लोगों को झांसा देकर ठगी करना शुरू किया था। 2008 में इस्तीफा देकर 3 डायरेक्टर फरार हो गए थे। मुख्य मास्टर माइंड नासिर है, जो भुवनेश्वर जेल में बंद है।
पुलिस व सीबीआई ने की कार्रवाई: तीनों आरोपियों को जानें
सईद अहमद (39): कंपनी का यह डायरेक्टर एल 3/7 के डीए कॉलोनी बाजार कानपुर उत्तरप्रदेश का रहने वाला है। इन्हें 10 जनवरी को कानपुर से सूरजपुर पुलिस ने गिरफ्तार किया था। यह कमीशन मिलने का झांसा देकर लोगों से पैसा जमा करवाता था।
दिवाकर सिन्हा (46): कंपनी का यह डायरेक्टर 111 ए/ 393 अशोक नगर चमनगंज कानपुर (यूपी) का रहने वाला है। 10 जनवरी को सूरजपुर पुलिस टीम ने इन्हें रायपुर से गिरफ्तार किया था। एक कार, मोबाइल, 3 चेक जब्त किया था। हर गतिविधि का हिसाब रखता था।
भूपेंद्र चतुर्वेदी (45): कंपनी का यह डायरेक्टर 92/2 शक्ति विला नेहरू नगर ईस्ट भिलाई दुर्ग का रहने वाला है। जिन्हें सूरजपुर पुलिस ने 2 जनवरी को दुर्ग से गिरफ्तार किया था। यह एजेंटों के माध्यम से अन्य लोगों को जोड़कर कंपनी के नेटवर्क को बढ़ाने का काम करता था।
चिटफंड कंपनी का कनेक्शन इन जिलों से
देवरी टीआई नवीन कुमार बोरकर ने बताया कि चिटफंड कंपनी के आरोपी डायरेक्टरों के खिलाफ देवरी थाने में ्धारा 420, 34 भादवि, 3,5,6 चिटफंड अधिनियम एवं 6,10 छग. निक्षेपकों के हितो का संरक्षण अधिनियम के तहत अपराध दर्ज है। इसके अलावा अन्य जिला सूरजपुर, रायगढ़, ओडिशा मंे भी अपराध दर्ज है। यहां अपराध दर्ज होने के बाद से सभी आरोपी पिछले 8 साल से फरार थे। चिटफंड कंपनी के खिलाफ मिली शिकायत के आधार पर कोलकाता सीबीआई भी जरूरी दस्तावेजों की पड़ताल कर जांच कर रही है। वहीं कटक ओड़िशा सीबीआई न्यायालय में इस कंपनी का मामला विचाराधीन है। सूरजपुर के अलावा जांजगीर-चांपा में 3 केस, कांकेर में 1 केस, बालोद में 2 केस व राजनांदगांव में 1 केस दर्ज हैं।
लोगों को इस तरह झांसा देकर ठगी करते थे आरोपी
पुलिस के सामने पूछताछ के दौरान आरोपियों ने बताया है कि शुरू में फाइन इण्डिसेल्स कंपनी बनाकर इसे नेटवर्किंग सिस्टम से जोड़ा। कंपनी से जुड़ने वाले लोगों को 2 हजार रुपए सदस्यता शुल्क लेकर सामग्री का पैकेट देते थे। बाद में उसे बढ़ाकर 10 हजार रुपए कर देते और इसके एवज में सामग्री देने लगे। वहीं नेटवर्किंग सिस्टम में जो एजेंट जितने ज्यादा सदस्य बनाता था, उसे हर सदस्य के एक हजार कमीशन देते थे। प्रचार व प्रसार के अभाव व एजेंट बढ़ाने के उद्देश्य कंपनी का ऑफिस कानपुर से बढ़ाते हुए मुंबई में शुरू किया। आरोपियों से पूछताछ पर खुलासा हुआ कि सूरजपुर जिले के 132 निवेशक के माध्यम से करीब 98 लाख की ठगी की है। वह एजेंटों को प्रति इन्वेस्टमेंट के हिसाब से एक हजार कमीशन देते थे।
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