• +91-9303050009
  • tonewsvalley24@gmail.com
तीसरी लहर में ऐसी स्थिति
  • Written by - News Valley24 Desk
  • Last Updated: 17 जनवरी 2022,  10:40 AM IST

एमसीएच में 506 पद रिक्त, प्रभारी मंत्री बोले- स्वास्थ्य मंत्री से करेंगे चर्चा

अगर स्थिति ऐसी रही तो अस्पताल की स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा जाएगी। इस संबंध में जिले के प्रभारी मंत्री अमरजीत सिंह भगत ने कहा कि इस संबंध में स्वास्थ्य मंत्री से चर्चा की जाएगी। यह उनके विभाग का मसला है। डॉक्टरों के साथ ही कर्मचारियों के स्वीकृत 616 नियमित पदों में 506 पदों पर तो भर्ती ही नहीं की गई है। हैरत की बात यह है कि कोरोना की तीसरी लहर आ गई है और रोज एमसीएच के स्टाफ संक्रमित भी हो रहे हैं। इसके बाद भी स्टाफ की पूर्ति करने में डीएमई की ओर से गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है। पदोन्नति का हवाला देकर डॉक्टरों को दूसरे जिले में खुले नए मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में भेजा जा रहा है।





और भी पढ़े : जब लताजी ने गाया- छूट जाही अंगना अटारी

समाधान करेंगे: प्रभारी मंत्री
एमसीएच के डॉक्टरों का लगातार तबादला हो रहा है जबकि नए डॉक्टर यहां नहीं भेजे जा रहे हैं। इस वजह से व्यवस्था चरमरा रही है। हाल ही में सीनियर, जूनियर और इंटर्नशिप वाले डॉक्टर संक्रमित हुए हैं। स्टाफ की कमी के चलते दूसरे कर्मचारियों पर वर्क लोड बना हुआ है। स्थानीय जनप्रतिनिधियों की ओर से इस पर जरा भी गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है। वहीं जिले के प्रभारी मंत्री अमरजीत सिंह भगत का कहना है कि इस मुद्दे पर स्वास्थ्य मंत्री के समक्ष बात रखेंगे। स्थिति क्या है? इस पर चर्चा की जाएगी।





और भी पढ़े : कोरोना के संक्रमण केचलते DPIIT सचिव डॉ. गुरुप्रसाद महापात्र का निधन

नई भर्ती की अनुमति नहीं
पेंड्री अस्पताल में प्रथम, द्वितीय और तृतीय श्रेणी के 616 पद मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के नाम से सेटअप में स्वीकृत हैं। इनमें से अब तक 104 पद पर कर्मचारी कार्यरत है ओर 509 पद रिक्त हैं। अस्पताल खुलने के शुरुआती दिनों में कर्मचारियों की भर्ती के लिए प्रक्रिया शुरू की गई थी। बाकायदा परीक्षा लेने के लिए आवेदनों से फीस भी वसूल की गई थी। हजारों की संख्या में आवेदन आए थे और फीस के नाम पर लाखों रुपए जमा हुए पर अस्पताल की स्थापना के 6 साल बीत जाने के बाद भी भर्ती नहीं हुई है।





और भी पढ़े : अंत्योदय स्वरोजगार एवं आदिवासी स्वरोजगार योजना

व्यवस्था लड़खड़ा रही
खबर है कि डॉ अक्षय के तबादले के बाद फोरेंसिक डिपार्टमेंट बंद होने की कगार में पहुंच गया है। यहां पर एक ही डॉक्टर कार्यरत थे। कोविड काल में ओपीडी संख्या बढ़ने से पैथोलॉजी लैब का वर्क लोड बढ़ा है पर यहां के डॉक्टर को पदोन्नति के नाम पर दूसरे मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल भेज दिया गया है। इससे लैब में जांच सहित रिपोर्टिंग का कार्य प्रभावित हो रहा है। एक तरफ डॉक्टरों का तबादला हो रहा है तो वहीं दूसरी ओर पीजी की मान्यता मिलने से कॉलेज में पढ़ाई भी प्रभावित हो सकती है। असिस्टेंट प्रोफेसर के कई पद रिक्त हैं।





और भी पढ़े : डीएलएड प्रथम एवं द्वितीय वर्ष की परीक्षा समय सारणी जारी

Add Comment


Add Comment

Get Newspresso, our morning newsletter
Side link