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गुस्से में गांव
  • Written by - News Valley24 Desk
  • Last Updated: 25 जनवरी 2022,  12:57 PM IST

रेत उत्खनन नहीं लूट... लीज निरस्त करने उठी मांग करेंगे चक्काजाम, अफसरों पर सांठगांठ का आरोप

ग्रामीणों ने सोमवार को गांव में बैठक ली और निर्णय लिया कि पंचायत प्रस्ताव लेकर लीज निरस्त करने शासन को पत्र लिखेंगे। ग्रामीणों का कहना है कि शिकायत करने पर खनिज विभाग के अफसरों ने कभी कार्रवाई नहीं की। खदान संचालक के रवैये से आक्रोशित बांकल के ग्रामीणों ने रेत खदान में ही धावा बोल दिया था। रेत खदान पहुंचकर ग्रामीणों ने नदी के बहाव के साथ की गई छेड़छाड़ को लेकर भी रोष जताया। गांव में ही प्रेसवार्ता लेकर ग्रामीणों ने रेत खदान को लेकर जारी विवाद के बारे में विस्तार से बात रखी। सरपंच भारत पटेल ने बताया कि लीज धारक की ओर से कभी भी परमिशन संबंधित मूल दस्तावेज पेश नहीं किए गए।





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खदान संचालक ने युवाओं को धमकाया
सरपंच ने बताया कि जब कोविड के चलते जिले में लॉकडाउन था। इस बीच भी यहां से रेत की निकासी की गई है। विरोध में करने पर रेत खदान संचालक की ओर से गांव के युवाओं को धमकाया गया। हाल ही में जब रेत से भरे वाहनों को रोककर विरोध किया गया था तब भी खदान संचालक ने युवाओं को धमकाया था। इसके चलते गांव के युवा डरे, सहमे रहते हैं। सरपंच ने बताया कि लीज धारक की जमीन दूसरी ओर है पर यहां अवैध रूप से नदी के बीचों-बीच रेत की निकासी हो रही है।





और भी पढ़े : ग्रामीण महिलाओं ने खुशी जाहिर की - अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू ने जल जीवन मिशन के अंतर्गत घरों में पानी की प्राप्त सुविधा उपलब्ध कराने नल के माध्यम से घरों तक पहुंचाई जा रही है। उन्होंने गांव भ्रमण के दौरान श्रीमती देशव

बैठक में महिलाएं भी दिखीं आक्रोशित
सोमवार को गांव में हुई बैठक में ग्रामीणों ने सामूहिक रूप से निर्णय लिया है कि यहां रेत खदान नहीं चलाने देंगे। इस दौरान महिलाएं भी आक्रोशित नजर आईं। कहा कि रेत से भरे वाहन गांव के बीच से दौड़ते हैं। इस वजह से हर पल हादसे का डर बना रहता है। सड़कें भी खराब हो चुकी हैं। इसलिए रेत निकासी नहीं करने देंगे। एसडीएम अरूण वर्मा का कहना है कि ग्रामीणों की ओर से फिलहाल कोई आवेदन नहीं दिया गया है पर वे मांग पत्र सौंपेंगे तो उसे शासन स्तर पर पहुंचा दिया जाएगा, क्योंकि स्वीकृति शासन स्तर से मिली है।





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कभी पर्ची नहीं दिखाई गई, स्थिति जस की तस
गांव के ईश्वर सिन्हा ने बताया कि रेत खदान संचालक को पहले भी समझाइश दी गई थी कि रॉयल्टी पर्ची दिखाकर ही गांव के बीच से रेत की निकासी करे पर कभी पर्ची नहीं दिखाई गई। बल्कि रेत निकालने की होड़ में गांव की सड़कों की दुर्दशा कर दी गई है। विरोध करने पर खदान संचालक ने सड़कों की मरम्मत कराने की बात कही थी पर स्थिति जस की तस है। गांव के तुलसीदास बघेल ने आरोप लगाया कि रेत खदान संचालक ग्रामीणों पर बेबुनियाद आरोप लगाते हैं कि कर्मचारियों से मारपीट की जा रही है।





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