अंतिम तारीख के पहले 99% किसान बेच चुके धान, बफर खरीदी वाले केंद्रों में स्टॉक की जांच
28 जनवरी तक की स्थिति में जिले में 1 लाख 91 हजार 467 किसानों से 79 लाख 27 हजार 84 क्विंटल धान खरीद लिया गया है। इस बार दो लाख से अधिक किसानों की ओर से पंजीयन किया गया था। जिले में 2 लाख 12 हजार 536 किसानों की ओर से समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए पंजीयन कराया गया था।
खरीदी के आंकड़े बता रहे हैं कि अब धान बेचने के लिए गिनती के किसान ही शेष बच गए हैं। पंजीकृत किसानों की संख्या बढ़ने का असर भी खरीदी में देखने को मिल रहा है। इधर खरीदी के अंतिम दौर में प्रशासन की ओर से उन केन्द्रों में जांच कराई जा रही है जहां पर बफर लिमिट से अधिक धान खरीदा गया है। इन केन्द्रों में निगरानी बढ़ा दी गई है और देखा जा रहा है कि कहीं कोचिये धान बेचने तो नहीं आए हैं।
अभियान चलाया जा रहा
प्रशासन की ओर से पहली बार धान उठाव को लेकर अभियान चलाया जा रहा है। इसका असर भी देखने को मिल रहा है। जिला खाद्य अधिकारी भूपेन्द्र मिश्रा ने बताया कि राइस मिलर्स और ट्रांसपोर्टर टीओ और डीओ मिलने के बाद संबंधित केन्द्रों से धान का उठाव कर रहे हैं। मिलर्स की ओर से धान उठाने के बाद कस्टम मिलिंग पर ध्यान दिया जा रहा है तो वहीं ट्रांसपोर्टर उठाव कर सीधे संग्रहण केन्द्रों में धान पहुंचा रहे हैं।
लोन भी जमा किया जा रहा
समर्थन मूल्य पर धान की बिक्री करने के साथ ही किसानों की ओर से जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक की ओर से लिया गया कृषि लोन भी जमा किया जा रहा है। धान बिक्री के साथ ही कर्ज की कटौती हो रही है। 53424.64 रुपए किसानों से वसूल किया गया है। यह राशि किसानों से खाते से कट जा रही है। इससे किसानों को भी राहत मिल रही है। सहकारी बैंक की ओर से करोड़ों रुपए किसानों को लोन जारी किया गया है।
स्टेकिंग कराई जा रही है
खरीदी के आखिरी दौर में प्रशासन की ओर से खरीदी केन्द्रों में निगरानी बढ़ा दी गई है तो वहीं खरीदे गए धान का मिलान भी किया जा रहा है। केन्द्रों में रखे गए स्टॉक को चेक कर रहे हैं और स्टेकिंग कराई जा रही है ताकि परिवहन के दौरान किसी प्रकार की समस्या न हो। जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के सीईओ सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि जिले में इस बार खरीदी बंद होने के पहले 99 प्रतिशत किसान धान बेच चुके हैं। यह जिले के लिए बड़ी उपलब्धि है। वर्मा ने बताया कि उठाव कार्य भी तेजी से चल रहा है। इसलिए केन्द्रों में जाम की स्थिति नहीं के बराबर है।
कई केंद्रों में सन्नाटा पसरा
कई खरीदी केन्द्रों में जारी की गई टोकन के आधार पर खरीदी पूरी कर ली गई है। इसलिए इन केन्द्रों में सन्नाटा पड़ गया है। कई किसान टोकन लेने के बाद भी धान बेचने नहीं आ रहे हैं। अफसरों का कहना है कि हर साल कई किसान टोकन लेने के बाद भी धान बेचने नहीं आते हैं। इसके कई कारण होते हैं। जिले में 7 फरवरी तक धान बेचने किसानों को मौका दिया गया है।
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