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सरकारी धन का दुरूपयोग
  • Written by - News Valley24 Desk
  • Last Updated: 4 फरवरी 2022,  01:11 PM IST

दो वनरक्षक व रेंजर निलंबित भी हुए, वसूली भी हुई लेकिन भवन अब तक पूरा नहीं हुआ

इस मामले में दो वनरक्षक व एक रेंजर पर कार्रवाई एवं उनसे गड़बड़ी की गई राशि की राशि की आठ माह पहले वसूली भी हो चुकी है। लेकिन यह क्वार्टर अब तक अपूर्ण है। जिम्मेदार वन विभाग के अधिकारी अभी भी मूकदर्शक बने हुए है। बताया गया है कि वन विभाग ने वर्ष 2019-20 में भवन निर्माण के लिए राशि स्वीकृत किया था। लेकिन यह भवन अब तक अधूरा है।





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निर्माण कार्य केवल स्लैब लेबल तक ही पहुंच पाया है। भवन निर्माण कब तक पूर्ण होगा इसका जवाब स्थानीय वन अधिकारियों के पास भी नहीं है। जानकारी के अनुसार इस मामले में शासकीय धनराशि का दुरूपयोग, निर्माण कार्य में गड़बड़ी के आरोप में डेढ़ वर्ष पहले यहां के तात्कालीन बीट गार्ड अशोक गढ़पाले व रेंजर जीवनलाल भोंडेकर को निलंबित किया जा चुका है। जांच के बाद वन विभाग ने गड़बड़ी की गई रकम की वसूली भी करा ली है। इन दोनों शासकीय सेवकों से वसूली के बाद भी लगभग एक वर्ष गुजर गया है। लेकिन वन विभाग ने अब तक निर्माण कार्य को पूर्ण नहीं कराया है। जिससे इस क्षेत्र के वनरक्षक व वनपाल अब भी मुख्यालय में निवास नहीं कर पा रहे हैं।





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आश्चर्य की बात है कि वन विभाग के स्थानीय अधिकारी इस अपूर्ण निर्माण कार्यों को पूर्ण कराने में क्यों रूचि नहीं ले रहे हैं। यह भी जांच का विषय है।





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रिकवरी राशि अब तक नहीं आई- एसडीओ: अंबागढ़ चौकी रेंजर गोपाल यादव ने बताया कि राशि के अभाव में कुदुरघोडा में निर्माण कार्य लंबित है। राशि की मंजूरी मिलते ही कार्य शुरू कराया जाएगा। वहीं एसडीओ वन शिवेन्द्र कुमार साहू कहा कि रिकवरी राशि अब तक नहीं आई है। राशि आते ही कुदुरघोडा में निर्माण कार्य पूर्ण करा लिया जाएगा। विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन व दिशा निर्देश से अनुविभाग में समस्त कार्य संचालित हो रहे हैं। अपने ऊपर लगाए गए समस्त आरोपों को उन्होंने गलत बताया।





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कुदुरघोडा-चिल्हाटी मामले में एसडीओ की भूमिका संदिग्ध
वन विभाग में परिक्षेत्रों के अंदर होने वाले समस्त विभागीय कार्य रेंजर के द्वारा संपादित कराए जाते हैं पर पिछले तीन वर्ष से अंबागढ़ चौकी में रेंजर केवल शोपीस बने हुए हैं। विभागीय सूत्रों की माने तो अंबागढ़ चौकी रेंज में कुछ वर्षों से पूरा काम एसडीओ व अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के माध्यम से कराए जा रहे हैं। हालांकि एसडीओ इन आरोपों को खारिज करते हैं। लेकिन नगर व क्षेत्र में काम रहे स्थानीय पेटी ठेकेदारों की माने तो पूरा काम एसडीओ के मार्गदर्शन व अगुवाई में चल रहा है।





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कुदुरघोडा व चिल्हाटी के मामले में भी एसडीओ की भूमिका बताई जा रही है। बताया जाता है की दोनों स्थानों में क्वार्टर निर्माण के लिए आई शासकीय राशि की मंजूरी मिली और कार्य आरंभ हुआ और इस मामले में विभागीय कर्मचारियों पर कार्रवाई एवं वसूली हुई तो एसडीओ शिवेन्द्र साहू यहां पर पदस्थ थे और अब जब क्वार्टर पूर्ण नहीं हुआ है तो वे ही एसडीओ के रूप में अंबागढ़ चौकी अनुविभाग में पदस्थ हैं।





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बीटगार्ड से 70-70 हजार व रेंजर से सवा लाख की वसूली
कुदुरघोडा व चिल्हाटी सर्किल में वन विभाग के बीट गार्ड व फारेस्टर क्वार्टर के निर्माण में हुई गड़बड़ी व शासकीय धनराशि के दुरूपयोग के मामले में वन विभाग ने दो वनरक्षक व एक रेंजर पर कार्रवाई थी। जानकारी के अनुसार कुदुरघोडा में उस समय के तात्कालीन वनरक्षक अशोक गढ़पाले व चिल्हाटी में पदस्थ शोभित यादव से 70-70 हजार एवं उस समय के तात्कालीन रेंजर जीवनलाल भोंडेकर से सवा लाख रुपए की वसूली की गई थी।





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इन तीनों कर्मचारियों को अनियमितता के आरोप में निलंबित किया गया था। आश्चर्य है कि निलंबित वनरक्षक गढ़पाले सेवानिवृत्त हो गए और बीट गार्ड यादव बहाल होकर उत्पादन रेंज में काम रहे हैं जबकि रेंजर सामान्य वन मंडल के उड़नदस्ता कैंप में काम रहे है। लेकिन आश्चर्य है कि कुदुरघोडा का निर्माणाधीन भवन अब तक पूर्ण नहीं हो पाया है।





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