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त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी
  • Written by - News Valley24 Desk
  • Last Updated: 16 फरवरी 2022,  04:39 PM IST

माघी पूर्णिमा पर राजिम में श्रद्धालुओं ने स्नान कर अर्घ्य दिया, शाम को पुन्नी मेले की रंगारंग शुरुआत होगी

बुधवार को माघी पूर्णिमा के अवसर पर प्रदेश के कोने-कोने से पहुंचे श्रद्धालुओं ने सुबह 4 बजे से ही स्नान शुरू कर दिया था। घाटों पर स्नान और पूजा-अर्घ्य के बाद श्रद्धालुओं ने श्री राजीव लोचन भगवान के दर्शन किए। वहां से भक्त नदी पार कर कुलेश्वरनाथ महादेव के मंदिर पहुंचे। यहां भगवान शिव का पवित्र जल-दूध आदि से अभिषेक कर पूजन किया। इन दोनों मंदिरों के अलावा श्रद्धालु लोमश ऋषि आश्रम, राजिम भक्तिन माता मंदिर, मामा-भांचा मंदिर, राजराजेश्वर, दानदानेश्वर, बाबा गरीब नाथ महादेव के दर्शन करने भी पहुंचे। स्नान का क्रम काफी देर तक चलता रहा। इसी के साथ ऐतिहासिक राजिम पुन्नी मेले की शुरुआत भी हो रही है। यह मेला एक मार्च तक चलेगा।





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विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत शाम 7 बजे मेले का औपचारिक शुभारंभ करने वाले हैं। इस दौरान राज्य सरकार के कई मंत्री, विधायक और वरिष्ठ अफसर भी शामिल होंगे। आयोजन को लेकर गरियाबंद जिला प्रशासन ने व्यापक तैयारी की है।





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श्री राजीव लोचन का जन्मोत्सव





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माघी पूर्णिमा के दिन भगवान श्री राजीव लोचन का जन्म दिवस है। बुधवार को भगवान का जन्मोत्सव मंदिर प्रांगण में बैंड-बाजे एवं नृत्य के साथ बहुत ही धूमधाम से मनाया गया। भगवान की पूजा के बाद नया लाल ध्वज मंदिर के कलश में चढ़ाया गया। मंदिर में इसके लिए विशेष साजसज्जा हुई है।





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पुन्नी मेले के दौरान स्नान की यह तिथियां महत्वपूर्ण





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माघी पुन्नी मेले के दौरान स्नान के तीन मुहूर्तों का पौराणिक महत्व है। 16 फरवरी काे माघ पूर्णिमा के स्नान के बाद 23 फरवरी को एक स्नान है। इस दिन जानकी जयंती होती है। मान्यता है कि फाल्गुन मास कृष्ण पक्ष की अष्टमी को माता सीता नवजात कन्या के रूप में धरती से प्रकट हुई थीं। एक मार्च को महाशिवरात्रि का विशेष स्नान है। पुराणों के मुताबिक इसी दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था।





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