जिस रूट से गए थे, उसी से क्षेत्र में 6 माह बाद फिर लौट आए गजराज, गांवों में कराई मुनादी
इस क्षेत्र के किसी ग्रामीण ने सोमवार सुबह जंगल की ओर हाथियोें के झुंड को देखने के बाद वन विभाग के अफसरों को सूचना दी। खबर मिलते ही वन विभाग की पूरी टीम मौके पर पहुंची और हाथियों की मौजूदगी की तस्दीक की। मोहला और मानपुर क्षेत्र के फॉरेस्ट के अफसरों ने डीएफओ को सूचना दी। बताया गया कि हाथी इसी रूट से ही सितंबर 2021 में महाराष्ट्र की ओर आगे बढ़ गए थे। हाथियों ने इस क्षेत्र में खूब नुकसान पहुंचाया था। धान की फसल को रौंदते ह़ुए आगे बढ़े थे। जंगल में कच्चे मकानों को भी नुकसान पहुंचाया था। वन विभाग के अफसर हैरान हैं कि हाथी जिस रूट से लौटे हैं, उसी ओर से फिर वापस आ गए हैं।
खूब नुकसान किया था
सितंबर 2021 में हाथियों का यह दल बालोद की ओर से रुख करते हुए मोहला इलाके में आए थे। इस इलाके में आते ही हाथियों के दल ने जंगल में बने घरों को रौंद दिया था तो वहीं सब्जी, धान की फसल को रौंदते हुए खूब नुकसान किया था। ग्रामीणों की ओर से मुआवजा की मांग भी की गई है। बड़ी संख्या में मुआवजा के प्रकरण भी बनाए गए थे। कई ग्रामीणों को अभी तक क्षतिपूर्ति राशि भी नहीं मिल पाई है।
एहतियात के लिए ग्रामीणों को शिफ्ट किया गया था
ज्ञात हो कि हाथियों के गांव की ओर से कूच करने पर ग्रामीणों को दूसरे क्षेत्र में शिफ्ट कराया गया था। लगभग महीनेभर तक वन विभाग की टीम को कंदाड़ी क्षेत्र में सक्रिय रहना पड़ा था। वन विभाग के अफसरों ने बताया कि ये हाथी भोजन की तलाश में दोपहर 2 से 3 बजे के बीच गांव की ओर से रूख करते हैं। इसलिए ग्रामीणों को समझाइश दी गई है कि हाथियों से सावधानी बरतें, उन्हें किसी तरह से छेड़छाड़ न करें। रोड क्रॉस करने के दौरान गाड़ियां बंद कर दें।
ऐसी हालत में ग्रामीण यह सावधानी जरूर बरतें
अगर इस बीच हाथियों के रोड क्रॉस करने के तुरंत बाद आगे बढ़ें, क्योंकि जब पूरा दल आगे बढ़ेगा तो सामने वाला लाइन क्लियर का मैसेज दल लीडर हथनी को भेजता है और मैसेज मिलने के बाद ही हथनी रोड क्रॉस करती है। मानपुर क्षेत्र के रेंजर अयूब शेख ने बताया कि हाथियों का लोकेशन मिलने के बाद ग्रामीणों को अलर्ट कर दिया गया है। आसपास के क्षेत्र में विभाग की टीम सक्रिय है। बताया कि सितंबर 2021 में हाथी महाराष्ट्र की ओर बढ़ गए थे।
दल में एक हथिनी ने बच्चे को जंगल में दिया था जन्म
हाथियों के दल में एक हथनी ने एक बच्चे को जन्म दिया था। वन विभाग के अफसरों ने बताया कि बच्चे की सुरक्षा की दृष्टि से हाथियों ने राजाडेरा के आसपास के जंगल को डेरा बना लिया था। लंबे समय तक यहां रहने के बाद महाराष्ट्र की ओर गए थे। बताया कि इस क्षेत्र में चारा पर्याप्त होने की वजह से हाथी फिर से इस ओर आएं हैं। वर्तमान में धान की फसल कट गई है। जंगल में पतझड़ भी शुरू हो गया है। इसलिए हाथी सुरक्षित ठिकाने की तलाश में हैं।
हाथियों के दल ने जंगल में बने घरों को रौंद दिया था
सितंबर 2021 में हाथियों का यह दल बालोद की ओर से रुख करते हुए मोहला इलाके में आए थे। इस इलाके में आते ही हाथियों के दल ने जंगल में बने घरों को रौंद दिया था तो वहीं सब्जी, धान की फसल को रौंदते हुए खूब नुकसान किया था। ग्रामीणों की ओर से मुआवजा की मांग भी की गई है। बड़ी संख्या में मुआवजा के प्रकरण भी बनाए गए थे। कई ग्रामीणों को अभी तक क्षतिपूर्ति राशि भी नहीं मिल पाई है। अभ फिर से क्षेत्र में हाथियों की सक्रियता से फिक्र बढ़ गई है।
Chief Editor
News Valley 24
Unit of Pitambara Media House Proprietor : Bhola Shankar Mahobia Aashirwad Palace, Balod Road Haldi, Rajnandgaon, Chhattisgarh, India, 491441
+91-9303050009
tonewsvalley24@gmail.com
Copyright © News Valley24 ©2022 All rights reserved | Designed by Global Infotech
Add Comment