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PM को GST पर CM बघेल का पत्र
  • Written by - News Valley24 Desk
  • Last Updated: 14 अप्रैल 2022,  03:31 PM IST

राज्यों को अगले 10 साल तक जारी रखें क्षतिपूर्ति; जून से केंद्र बंद कर देगा भरपाई

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है, छत्तीसगढ़ जैसे उत्पादक राज्य के लिए यह एक बड़ा नुकसान है। उत्पादक राज्य होने की वजह से देश की अर्थव्यवस्था में हमारा योगदान उन राज्यों की तुलना में अधिक है जो GST प्रणाली की वजह से लाभान्वित हुए हैं। मुख्यमंत्री का कहना है कि अगर जून 2022 के बाद जीएसटी क्षतिपूर्ति नही दिया जाता तो छत्तीसगढ़ को अगले वर्षों में करीब पांच हजार करोड़ के राजस्व का नुकसान होगा।





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दूसरे राज्यों को भी अगले सालों में राजस्व की कमी का सामना करना पड़ेगा। इससे विकास कार्य भी प्रभावित होंगे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का कहना था, दिसम्बर 2021 में केंद्रीय वित्त मंत्री की मुख्यमंत्री और राज्यों के वित्त मंत्रियों के साथ हुई बैठक में इस बात के प्रति चिंता जताई गई थी। कई राज्यों ने क्षतिपूर्ति अगले पांच साल तक जारी रखने की मांग की थी। राज्यों को अभी भी केंद्र सरकार से सकारात्मक निर्णय का इंतजार है।





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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने पत्र में लिखा है, GST कर प्रणाली लागू हो जाने के बाद राज्यों के पास कर लगाने के अधिकार सीमित हो गए हैं। वाणिज्यिक कर के अतिरिक्त किसी दूसरे मद राजस्व बढ़ाने की संभावना नहीं दिख रही है। मुख्यमंत्री ने लिखा, कोरोना की वजह से राज्य की अर्थव्यवस्था पर पड़े खराब असर से उबरने में तथा GST कर प्रणाली का वास्तविक लाभ मिलने तक मौजूदा क्षतिपूर्ति अनुदान व्यवस्था को आगामी 10 वर्ष तक जारी रखना चाहिए। मुख्यमंत्री ने उत्पादक राज्यों के राजस्व नुकसान की भरपाई की कोई वैकल्पिक स्थायी व्यवस्था भी जल्द होनी चाहिए।





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दरअसल 2017 में जब GST कर प्रणाली लागू हुई तो छत्तीसगढ़ जैसे उत्पादक राज्यों की बड़ी चिंताएं थी। इस कर प्रणाली में कर उपभोग पर लगना था। यानी छत्तीसगढ़ में सीमेंट बना और उत्तर प्रदेश में बिका तो उसकी बिक्री से मिला कर छत्तीसगढ़ के हिस्से नहीं आएगा। वह उपभोग वाले राज्य यानी उत्तर प्रदेश को मिलेगा। इसका सीधा सा असर यह था कि उत्पादक राज्यों को कर राजस्व का नुकसान होता। केंद्र सरकार ने इस नुकसान की भरपाई के लिए पांच सालों तक क्षतिपूर्ति की गारंटी दी। इस क्षतिपूर्ति का भुगतान केंद्र द्वारा राज्यों को हर दो महीने में मुआवजा उपकर से किया जाता रहा है।





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