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बिलासपुर
मजदूर दिवस पर मिलिए CG की -100मशरूम लेडी-100 से
  • Written by - News Valley24 Desk
  • Last Updated: 1 मई 2022,  12:39 PM IST

आर्थिक तंगी से हार नहीं मानी; अकेले कमा रही 35 हजार महीना; जानिए आप भी कैसे कर सकते हैं कमाई

चकरभाठा बस्ती की रहने वाली सीमा तिवारी अब हर महीने 30 से 35 हजार रुपए अकेले कमाती हैं। यह सब कुछ सीमा के लिए आसान नहीं था। तीन साल पहले तक वह अपने घर में गृहणी की तरह रहती थीं। परिवार चलाने के लिए दूसरों के घरों में खाना बनाती। सीमा ने सोचा इसी को आगे बढ़ाते हैं। गांव में महिला स्व सहायता समूह बनाया। दर्जन भर महिलाएं सदस्य भी बनीं, लेकिन शुरुआत में ही तंगी ने घेर लिया। इसके बाद भी सीमा अकेले जूझती रही। गांव के गौठान का संचालन शुरू किया पर कमाई नहीं होने के कारण समूह की महिलाओं ने साथ छोड़ दिया।





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बंजर जमीन को बनाया उपजाऊ





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इसके बाद सीमा का असली संघर्ष शुरू हुआ, पर उन्होंने हिम्मत नहीं छोड़ी। अकेले ही गोठान में गोसेवा में लगी रहीं। वहां से मिलने वाले गोबर से वर्मी कंपोस्ट बनाया और बंजर जमीन पर खेती की शुरुआत की। सीमा की मेहनत रंग लाई और बंजर जमीन पर सब्जियों की फसल लहलहाने लगी। सीमा बताती हैं कि शुरुआत में उन्होंने भिंडी और बरबट्‌टी की सब्जी लगाई है। गोठान में जिला पंचायत ने पानी उपलब्ध कराने के लिए बोर कराया है। वहां से खेतों को भी पानी मिला। इस गर्मी में भी वह खेती में जुटी हैं और मुनगा (सहजन) के तकरीबन 100 पौधे भी लगा लिए हैं।





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गोठान में मशरूम उत्पादन के लिए शासन से मिली मदद
सीमा तिवारी के इस मेहनत को देखकर जिला पंचायत ने उसकी आजीविका गतिविधि बढ़ाने के लिए मशरूम प्रोडक्शन यूनिट लगाकर दिया है। इसके लिए शासन ने आठ लाख रुपए खर्च कर मशरूम उत्पादन करने के लिए भवन के साथ ही यूनिट लगाकर दिया है। जिसमें अब वह मशरूम का उत्पादन भी करने लगी है। खास बात यह है कि जो महिलाएं उन्हें पहले छोड़कर गई थीं, अब वही सब उनके साथ खेतों और मशरूम उत्पादन में सहयोग करती हैं।





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सभी महिलाओं के लिए प्रेरणा बनना चाहती हैं सीमा
सीता तिवारी बताती हैं, जिस तरह से वह मेहनत कर शासन की योजनाओं से आगे बढ़ रही है। घरेलू उत्पाद से मसाला, बड़ी-पापड़ वगैरह बना कर हर महीने 10 से 15 हजार रुपए की कमाई कर रही है। वर्मी कंपोस्ट बनाकर बेच रही है, हर महीने करीब दस हजार रुपए का वर्मी कंपोस्ट बनाकर बेच रही है। मशरूम उत्पादन से भी उसे करीब 10 हजार रुपए मिल रहा है। वह चाहती है कि उसकी तरह हर महिलाएं आगे बढ़े और वह खुद महिलाओं के लिए प्रेरणा बनें। गौठान में वह मछली और बकरी पालन करने की तैयारी में है।





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