• +91-9303050009
  • tonewsvalley24@gmail.com
जांजगीर-चांपा
"वन उत्पादकता संस्थान रांची से दस दिवसीय प्रशिक्षण पूर्ण"
  • Written by - News Valley24 Desk
  • Last Updated: 6 मई 2022,  01:09 AM IST

"टिश्यू कल्चर, रिमोट सेंसिंग एवं बांस उत्पादन पर हुए विशेष व्याख्यान"

जांजगीर:- गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय बिलासपुर में अध्ययनरत जांजगीर जिले के तीन छात्र छात्राओं ने वन उत्पादकता संस्थान रांची से दस दिवसीय प्रशिक्षण पूर्ण कर लिया है। एम. एस.सी. वानिकी के अंतिम वर्ष के चतुर्थ सेमेस्टर में अध्ययनरत हिमानी सूर्यवंशी, नवीन वैभव एवं हिमानी साहू ने यह प्रशिक्षण प्राप्त किया है। इस प्रशिक्षण में वन उत्पादकता संस्थान रांची के द्वारा कृषि एवं वानिकी के अनेक शीर्षकों पर सैद्धांतिक ज्ञान के साथ व्यवहारिक ज्ञान उपलब्ध कराया गया। प्रशिक्षण में रिमोट सेंसिंग के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी प्रदान किया गया जिसके अंतर्गत सेटेलाइट के द्वारा वन एवं पर्यावरण की जानकारी प्राप्त करने की क्रिया विधि एवं सिद्धांतों के बारे में विस्तृत व्याख्यान हुआ। इसी प्रकार के "टिश्यू कल्चर" द्वारा विभिन्न प्रकार के वन उत्पादों, खाद्य सामग्रियों एवं अन्य उत्पादों के कृत्रिम रूप से पौधा तैयार करने की विधि की जानकारी प्रदान किया गया। इस प्रक्रिया में बीज की आवश्यकता नहीं पड़ती। इसी प्रकार बांस के विभिन्न प्रकार, उपयोगिता, अनुकूल वातावरण, संरक्षण आदि पर भी विशेष व्याख्यान हुआ।





और भी पढ़े : विद्युत वितरण कंपनी ने लाइनमेन के पदों की संख्या दोगुनी की





और भी पढ़े : शासकीय भूमि पर अतिक्रमण

प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हिमानी सूर्यवंशी ने बताया कि गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय बिलासपुर के एम.एससी. वानिकी विभाग के 33 छात्र छात्राओं ने इस प्रशिक्षण में सहभागिता किया था जिसमें जांजगीर-चांपा जिले के 3 विद्यार्थी सम्मिलित थे।





और भी पढ़े : चैनमेन निलंबित





और भी पढ़े : Samsung एक साथ लॉन्च करेगा Galaxy A22 का 5G और 4G वैरिएंट

ज्ञात हो कि "वन उत्पादकता संस्थान रांची" वनों के उत्पादन केंद्र एवं अनुसंधान केंद्र के रूप में प्रसिद्ध है जो वन अनुसंधान केंद्र देहरादून से संबंध है। वानिकी के क्षेत्र में शोध एवं अनुसंधान करने वाले छात्र छात्राएं देहरादून स्थित वन अनुसंधान केंद्र में प्रमुखता से प्रवेश लेकर अध्ययन करते हैं। कृषि प्रधान जांजगीर जिले में कृषि एवं वन्य क्षेत्र में बढ़ोतरी के लिए इस प्रकार के प्रशिक्षण उपयोगी सिद्ध हो सकते हैं। जिले के प्रशिक्षित विद्यार्थी अपने गृह जिले में अपने प्रशिक्षण का लाभ जरूर प्रदान करेंगे।





और भी पढ़े : कम कीमत में मिलेंगे कई धांसू फीचर्स





और भी पढ़े : नगरीय निकाय आम/उप निर्वाचन 2021

Add Comment


Add Comment

Get Newspresso, our morning newsletter
Side link