ऑक्सफैम की रिपोर्ट के मुताबिक ,आवश्यक वस्तुओं की तेजी से बढ़ती कीमतें आपदा को अवसर में बदलते हुए खाद्य और ऊर्जा क्षेत्रों के अरबपतियों की संपत्ति में दो दिन में एक अरब डॉलर की वृद्धि कर रही हैं।
कोरोना महामारी जहां दुनिया भर में लोगों के आर्थिक संकट के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार हैं तो वहीं इस महामारी ने हर 30 घंटे में एक नया अरबपति भी बनाया। ऑक्सफैम ने दावोस सम्मेलन को लेकर जारी रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया है। रिपोर्ट के मुताबिक ,आवश्यक वस्तुओं की तेजी से बढ़ती कीमतें आपदा को अवसर में बदलते हुए खाद्य और ऊर्जा क्षेत्रों के अरबपतियों की संपत्ति में दो दिन में एक अरब डॉलर की वृद्धि कर रही हैं।
कोरोना में 573 नए अरबपति
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि महामारी के दौरान हर 30 घंटे में एक की दर से 573 लोग नए अरबपति बने। ऑक्सफैम की कार्यकारी निदेशक गैब्रिएला बुचर ने एक बयान में कहा, अरबपतियों को यह लाभ उनकी मेहनत या स्मार्ट तरीके से काम करने के एवज में नहीं मिला बल्कि महामारी में भोजन और ऊर्जा की कीमतों में भारी वृद्धि से अरबपतियों को बोनस की तरह लाभ मिलें। उन्होंने कहा , महामारी के दौरान कामगारों ने तो खूब मेहनत की मगर उन्हें कम पैसे पर काम करने के लिए मजबूर होना पडा।
वैश्विक जीडीपी के 13.9 फीसदी के बराबर संपत्ति
रिपोर्ट के मुताबिक,दुनिया भर में न्यूयॉर्क से लेकर नई दिल्ली तक आम लोग आटा, खाना पकाने का तेल, ईंधन, बिजली की कीमतों से परेशान हैं। बावजूद इसके महामारी के पहले 24 महीनों में अरबपतियों की संपत्ति 23 वर्षों की तुलना में अधिक बढ़ी है। इसके साथ ही दुनिया के अरबपतियों की कुल संपत्ति अब वैश्विक जीडीपी के 13.9 प्रतिशत के बराबर है। महामारी से पहले, अमीर देशों और कम आय वाले देशों के बीच असमानता कम हो रही थी लेकिन कोरोना ने इसको उलट दिया है। यह आंकडा ही वैश्विक आर्थिक असमानता को दिखाने के लिए पर्याप्त है।
पांच फीसदी टैक्स से मिलेगा लाभ
ऑक्सफैम ने बढ़ती भोजन की बढती कीमतों से निपटने और महामारी से उबरने के लिए करोड़पतियों पर सालाना दो प्रतिशत और अरबपतियों के लिए पांच प्रतिशत संपत्ति कर लगाने का उपाय भी सुझाया। इस करारोपण से सालाना 2.52 ट्रिलियन डॉलर हासिल किए जा सकते हैं। प्राप्त कर से निम्न और निम्न मध्यम आय वाले देशों में रहने वाले 2.3 अरब लोगों को गरीबी से बाहर निकालने के लिए, कोरोना के पर्याप्त टीके बनाने के लिए, स्वास्थ्य देखभाल और सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने में काफी सहूलियत मिल सकेगी।
26 करोड़ लोगों पर संकट
रिपोर्ट के मुताबिक, वैश्विक खाद्य कीमतों में पिछले वर्ष में 33.6% की वृद्धि हुई है और वर्ष 2022 में 23% वृद्धि की उम्मीद है। संयुक्त राष्ट्र की मानें तो मार्च 2022 में 1990 के बाद से खाद्य कीमतों में सबसे बड़ी छलांग देखी गई। ऑक्सफैम का अनुमान है कि बेतहासा बढती महंगाई 26 करोड़ से अधिक लोगों पर खाद्यपदार्थों का गंभीर संकट पैदा कर सकती है। कम आय वाले देशों में लोग अपनी आय के दोगुने से अधिक भोजन पर खर्च करते हैं। इसके अलावा, अमीर और गरीब दोनों देशों में, कम आय वाले लोगों का भोजन पर बहुत अधिक खर्च होता है।
भारत में बढ़ी अरबपतियों की संख्या
पिछले महीने जारी फोर्ब्स की रिपोर्ट के मुताबिक ,कोरोना महामारी के बीच दुनियाभर में अरबपतियों की संख्या कम हुई ,लेकिन भारत में अरबपतियों की संख्या 140 से बढ़कर 166 हो गई है। फोर्ब्स की 2022 की विश्व अरबपतियों की सूची में दुनियाभर के 2,668 अरबपति शामिल हैं, जो पिछले साल के रिकॉर्ड 2,755 से कम हैं।
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