• +91-9303050009
  • tonewsvalley24@gmail.com
नरवा ने बदल दी सरकारी नौकरी की चाह, बीएससी किये कुरसो लाल के खेत में लहलहा रही मिर्च की फसल
  • Written by - News Valley24 Desk
  • Last Updated: 28 मई 2022,  01:48 PM IST

नरवा योजना का उठाया लाभ , पर्याप्त सिंचाई से पिछले 6 माह में ही कमाये 4 लाख रुपये

रायपुर 27 मई 2022 । मिर्ची औरों के लिए तीखी होती होगी लेकिन मेरे लिये तो बहुत मीठी है । पिछले 6 महीने में मिर्च बेचकर 4 लाख रुपये कमाये हैं । मेरे खेत में पूरी सिंचाई नरवा से ही हो रही है । कोंडागांव जिले में बड़े कनेरा गांव के किसान कुरसो लाल अपने खेत की तरफ इशारा करते हुए कहते हैं कि आप खुद देखिये मेरे खेत में मिर्च की लहलहाती हुई फ़सल। कुरसो लाल के खेत के पास से ही मार्कण्डेय नाला गुजरता है, जिसमें नरवा योजना के तहत ब्रश वुड चेक डेम , लूज बोल्डर चेक डेम ,  गेबियन संरचना , परकोलेशन टैंक का निर्माण किया गया है ।





और भी पढ़े : नारकोटिक्स सेल की कार्रवाई शुरू

कुरसो लाल बताते हैं कि खेत के बगल में ही नरवा है । जिसमें नरवा योजना के तहत कार्य किया गया है, इस वजह से साल भर पानी मिलता है । वहां से पंप के जरिये खेत तक पानी लाते हैं और ड्रिप इरिगेशन करते हैं । 





और भी पढ़े : छत्तीसगढ़ कोरोना LIVE

 आम तौर पर पढ़ाई लिखाई करने के बाद युवाओं में सरकारी नौकरी की चाह होती है । कुछ ऐसा ही कुरसो लाल के मन में भी था , पर नरवा योजना ने उनका मन और किस्मत दोनों को बदल दिया । कुरसो लाल ने बताया कि बीएससी बायोलॉजी करने के बाद कुछ दिन नौकरी के लिए कोशिश की लेकिन फिर देखा कि खेत के बगल में ही नाला है और पड़ोसी भी अच्छी फसल ले रहे हैं तो क्यों नहीं सरकार की नरवा योजना के तहत लाभ उठाया जाए । 





और भी पढ़े : खेतों में नमी के चलते इस बार 26 हजार 400 एकड़ में तिवरा बोने की तैयारी

कर्ज माफी का भी मिला लाभ - कुरसो लाल अपने दो एकड़ खेत मे धान की फसल भी लेते हैं । पिछले साल धान बेचकर 65 हजार रुपये और बोनस भी मिला है । वे बताते हैं कि मुख्यमंत्री के वादे के अनुसार  उनका 65 हजार का कर्जा भी माफ हुआ था ।





और भी पढ़े : केंद्र सरकार ने किया किसानों के साथ वादाखिलाफी : डॉ. पटिला

रासायनिक नहीं घर में ही बनाते हैं गोबर खाद - कुरसोलाल बताते हैं कि वे रासायनिक खाद का नहीं बल्कि घर में 16 गाय-भैंस हैं जिनके गोबर से वे ऑर्गेनिक खाद बनाते हैं और उसे ही खेत मे उपयोग करते हैं ।





और भी पढ़े : इंद्रावती नदी में डूबे टीचर की मिली लाश

Add Comment


Add Comment

Get Newspresso, our morning newsletter
Side link