केंद्र सरकार के समान महंगाई भत्ता (DA) और गृह भाड़ा भत्ता (HRA) बढ़ाने की मांग को लेकर छत्तीसगढ़ के सरकारी कर्मचारी आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा रहे हैं। हड़ताल की वजह से स्कूलों में पढ़ाई, राजस्व मामलों के निपटारे से लेकर सामान्य सरकारी कामकाज ठप हो जाने का खतरा मंडरा रहा है। लगभग 5 लाख कर्मचारियों के हड़ताल से आम जनता की परेशानी बढ़नी तय है।
फेडरेशन के संयोजक कमल वर्मा, वन राष्ट्रीय अध्यक्ष सतीश मिश्रा, प्रांताध्यक्ष आरके रिछारिया, बीपी शर्मा, राजेश चटर्जी, अजय तिवारी, चंद्रशेखर तिवारी, संजय सिंह एवं रोहित तिवारी ने संयुक्त रूप से कहा कि फेडरेशन का आंदोलन केंद्र के समान 34% डीए तथा सातवें वेतन में एचआरए के लिए था। 30 मई को फेडरेशन द्वारा मुख्य सचिव को जिला कलेक्टर एवं तहसीलदार के माध्यम से 4 चरणों में आंदोलन करने का नोटिस दिया गया था। 29 जून को पूरे प्रदेश के अधिकारी एवं कर्मचारी एक दिन के सामूहिक अवकाश पर रहे, लेकिन शासन द्वारा सकारात्मक पहल नहीं की गई। इसके बाद 25 से 29 जुलाई तक 5 दिनों का निश्चितकालीन आंदोलन किया गया। हड़ताल के सूचना के बाद सामान्य प्रशासन द्वारा चर्चा के लिए 2 बार फेडरेशन को बुलाया गया था।
बता दें कि राज्य सरकार ने 6% महंगाई भत्ता बढ़ाए जाने का आदेश जारी किया गया है, लेकिन इस आदेश को लेकर कर्मचारी और अधिकारियों में भारी नाराजगी है। प्रदेश में कर्मचारी संगठनों का कहना है कि महंगाई भत्ता 12% बढ़ाए जाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया गया था। केंद्र सरकार के सामान महंगाई भत्ता की मांग की गई थी, लेकिन सरकार ने 6% महंगाई भत्ता बढ़ाया है, जिससे कर्मचारियों के हक पर डाका डाला जा रहा है। कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन 3 चरणों में आंदोलन कर चुका है। अब फिर एक बार महंगाई भत्ता और गृह भाड़ा भत्ता को लेकर 22 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का ऐलान कर्मचारी संगठनों ने किया है। कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से एक बार फिर आम जनता की मुसीबत बढ़ने वाली है।
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