तेज बारिश से कई इलाकों में पानी भरा
मुंबई में भारी बारिश के बीच आज समुद्र में सुबह 11.45 बजे हाईटाइड आ सकता है। इस दौरान 4 से 5 मीटर की लहरें उठने की संभावना है। इस दौरान अगर भारी बारिश जारी रही तो शहर के निचले इलाके पानी में घुटनों तक डूब सकते हैं। इससे कोरोना संक्रमण काल में मुंबई की मुसीबतें और बढ़ जाएंगी।
मुंंबई के निचले इलाकों में घुटनों तक पानी भरा हुआ है। इससे आने-जाने वालों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
अगले कुछ दिन में मानसून तेलंगाना, आंध्र प्रदेश के बचे हुए सभी हिस्सों में सक्रिय हो जाएगा। अगले 4-5 दिन में छत्तीसगढ़, विदर्भ, बिहार, झारखंड, गुजरात, तेलंगाना समेत करीब 14 राज्यों में भारी बारिश होने की संभावना है।
इस हफ्ते ओडिशा, पश्चिम बंगाल कोआएगा मानसून
मौसम विभाग के मुताबिक 10 जून के बाद पूर्वी भारत और उससे लगे मध्य भारत में खास कर ओडिशा और पश्चिम बंगाल के गांगीय क्षेत्र में, 11 जून को बंगाल और बिहार, 11'2 जून को पूर्वी मध्य प्रदेश, विदर्भ और छत्तीसगढ़ में भारी बारिश होने की संभावना है। बंगाल की खाड़ी में इस मानसून का पहला कम दबाव का क्षेत्र तैयार हो रहा है। इसके असर से ओडिशा, सिक्किम, झारखंड, बिहार, पूर्वी UP, MP और गुजरात के कुछ हिस्सों में मानसून पहुंच जाएगा।
11'3 जून के बीच भारी बारिश के आसार गोवा, महाराष्ट्र, गुजरात में
दूसरी ओर दक्षिणी गुजरात के तट पर चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। इसके असर से कोंकण, गोवा, मध्य महाराष्ट्र, दक्षिणी गुजरात, कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और केरल में 11'3 जून के बीच भारी बारिश होने की संभावना है। मौसम विभाग के मुताबिक देशभर में 8 जून तक करीब 33.6 मिमी बारिश हो चुकी है जो, 1 से 8 जून तक होने वाली सामान्य औसत बारिश (28.3 मिमी) से 18% (5.3 मिमी) ज्यादा है।
चेन्नई में भी सोमवार और मंगलवार को कई जगहों पर बारिश हुई। विजिबिलिटी घटने की वजह से दिन में भी वाहनों की लाइट जलानी पड़ीं।
कोलकाता में यास तूफान के कारण औसत से 3 गुना बारिश
कोलकाता में मई महीने में यास तूफान की वजह से औसत से 3 गुना ज्यादा बारिश हो चुकी है। जून के पहले हफ्ते में भी प्री-मानसूनी बारिश जारी है। उधर, मुंबई में जून में बारिश का सामान्य औसत 493.1 मिमी है, जबकि बीते 8 दिन में वहां कुल 135.3 मिमी बारिश हो चुकी है।
इस बार पश्चिमी मध्यप्रदेश ज्यादा बारिश हो सकती है
मौसम विभाग के एक जून को जारी लॉन्ग रेंज फोरकास्ट के मुताबिक इस बार भोपाल सहित पश्चिमी मध्यप्रदेश में पूर्वी हिस्से से ज्यादा बारिश होने की संभावना है। दक्षिण-पश्चिमी मानसून तेज रफ्तार से आगे बढ़ रहा है। उसकी बंगाल की खाड़ी और अरब सागर वाली दोनों ब्रांच सक्रिय हैं। मौसम विशेषज्ञ एके शुक्ला के मुताबिक बंगाल की खाड़ी वाली ब्रांच एक ही दिन में उत्तर-पूर्वी हिस्से को कवर कर चुकी है।
यही रफ्तार रही तो 11 साल में ऐसा दूसरी बार होगा, जब मानसून तय समय यानी 20 जून के पहले भोपाल पहुंच जाएगा। इसकी बड़ी वजह यह भी है कि 11 जून को बंगाल की खाड़ी में एक कम दबाव का क्षेत्र भी बनने के आसार हैं। अरब सागर में भी कई सिस्टम सक्रिय हैं। इससे मानसून को रफ्तार मिलेगी। इससे पहले 2013 में मानसून 10 जून को भोपाल पहुंचा था।
भोपाल में मंगलवार शाम को एक घंटे में करीब 1.5 इंच बारिश
भोपाल में मंगलवार को मौसम का मिजाज बिल्कुल अलग था। सुबह तेज धूप और उमस थी। शाम होते-होते बदरा फिर उमड़-घुमड़ पड़े और शहर के कई इलाकों में तेज बारिश होने लगी। एक घंटे में डेढ़ इंच बारिश से पूरा शहर तरबतर हो गया। इसके बाद रात 8:30 बजे ज्यादातर इलाकों में 40 की रफ्तार से हवा चली। इस कारण नए और पुराने शहर कोलार और भेल टाउनशिप कि 70 कॉलोनियों में देर रात तक बिजली गुल रही।
10 जून के बाद मानसून आएगा छत्तीसगढ़ में
छत्तीसगढ़ के उत्तर सलकर पश्चिम और दक्षिण पश्चिम जिलों में कई जगहों पर मंगलवार को दोपहर बाद हल्की से मध्यम बारिश हुई। राजधानी रायपुर में भी देर शाम जमकर पानी गिरा। दोपहर बाद घने-काले बादल छा गए थे। मौसम में आए बदलाव से लोगों दिन की गर्मी से कुछ राहत मिली है। मौसम वैज्ञानिकों का अनुमान है कि प्रदेश में 10 जून के बाद कभी भी मानसून आ जाएगा।
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