दिसम्बर 6, 2025

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राहुल गांधी की सुरक्षा पर CRPF की चिट्ठी या सरकार की चाल? विपक्ष के नेता को निशाना बनाने की साज़िश पर उठे सवाल

नई दिल्ली, 11 सितम्बर 2025। कांग्रेस सांसद और विपक्ष के नेता राहुल गांधी एक बार फिर सियासी तूफान के केंद्र में हैं। उनकी सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सीआरपीएफ द्वारा कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को लिखी चिट्ठी को लेकर राजनीति गरमा गई है। पत्र में आरोप लगाया गया है कि राहुल गांधी ने बीते 9 महीनों में 6 विदेश यात्राओं के दौरान सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया। लेकिन कांग्रेस का कहना है कि यह सब विपक्षी नेता को डराने और बदनाम करने की एक सोची-समझी कोशिश है।


राहुल गांधी पर लगाए गए आरोप

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सीआरपीएफ प्रमुख ने लिखा कि राहुल गांधी अपनी Z+ सुरक्षा के बावजूद कई बार नियमों का पालन नहीं करते। आरोप है कि उन्होंने इटली, वियतनाम, दुबई, कतर, लंदन और मलेशिया जैसे दौरों की सूचना एजेंसी को पहले से नहीं दी।

लेकिन कांग्रेस का तर्क है कि यह तकनीकी बहाना बनाकर राहुल को घेरने की कोशिश है।


कांग्रेस का पलटवार: सरकार की घबराहट उजागर

कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा:

“जब-जब राहुल गांधी सच्चाई सामने लाते हैं, सरकार घबरा जाती है। यह चिट्ठी उसी डर का परिणाम है। इसका सार्वजनिक होना और उसका समय, कई गंभीर सवाल खड़े करता है। जब राहुल गांधी भाजपा और चुनाव आयोग की मिलीभगत से हो रही वोट चोरी के खिलाफ मोर्चा खोलते हैं, तभी अचानक उनकी सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर दिए जाते हैं।”

कांग्रेस का दावा है कि यह चिट्ठी वास्तव में राहुल गांधी की बढ़ती लोकप्रियता और आक्रामक रुख से घबराए केंद्र की रणनीति है।


भाजपा के सवाल और कांग्रेस का जवाब

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भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि राहुल गांधी विदेशों में आखिर “कौन सी सीक्रेट मीटिंग” करते हैं।
लेकिन कांग्रेस का पलटवार है कि भाजपा झूठ फैलाकर असल मुद्दों से ध्यान भटकाना चाहती है।

बीजेपी आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने हाल ही में राहुल की मलेशिया यात्रा पर टिप्पणी की थी, लेकिन कांग्रेस ने इसे भी सियासी प्रोपेगेंडा बताया।


राहुल गांधी की सुरक्षा पर बार-बार चूक

कांग्रेस का आरोप है कि राहुल गांधी की सुरक्षा में लगातार लापरवाही सरकार और एजेंसियों की ओर से की गई है।

  • बिहार यात्रा के दौरान भीड़ में घुसा युवक राहुल गांधी के बिल्कुल पास पहुंच गया था।
  • भारत जोड़ो यात्रा के समय भी कई बार सुरक्षा उल्लंघन की घटनाएं हुईं।
  • हाल ही में रायबरेली दौरे पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने काफिले को रोकने की कोशिश की और पुलिस मूकदर्शक बनी रही।

कांग्रेस का कहना है कि असली खतरा राहुल गांधी को सुरक्षा प्रोटोकॉल तोड़ने से नहीं, बल्कि सरकार की जानबूझकर की गई ढिलाई से है।


राहुल गांधी क्यों हैं निशाने पर?

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राहुल गांधी लगातार भाजपा सरकार की नीतियों, चुनाव आयोग की भूमिका और वोट चोरी जैसे मुद्दों को उजागर कर रहे हैं।
कांग्रेस का दावा है कि CRPF की चिट्ठी वास्तव में विपक्ष की आवाज दबाने की एक रणनीति है।

पवन खेड़ा ने यहां तक कहा कि,

“राहुल गांधी को सच बोलने की सज़ा दी जा रही है। सरकार इस डर में है कि राहुल के खुलासे उसकी पोल खोल देंगे।”


नतीजा

यह सवाल अब और बड़ा हो गया है कि यह चिट्ठी राहुल गांधी की सुरक्षा पर चिंता है या फिर विपक्ष को डराने की नई चाल। कांग्रेस का साफ संदेश है कि राहुल गांधी सच बोलना बंद नहीं करेंगे, चाहे सरकार कितनी भी साज़िश कर ले।

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