राहुल गांधी की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ में शामिल होने बिहार पहुंचे एमके स्टालिन, भाजपा ने जताया विरोध
समाचार विस्तार:
पटना, 27 अगस्त 2025। बिहार की राजनीति इस समय बेहद गर्म है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ में हिस्सा लेने के लिए बुधवार को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन बिहार पहुंचे। उनके साथ तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी भी इस यात्रा में शामिल हुए। हालांकि, जैसे ही स्टालिन बिहार पहुंचे, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इस पर कड़ा विरोध जताया और उन्हें चुनौती दी।

दरअसल, विवाद की जड़ एमके स्टालिन के बेटे और तमिलनाडु सरकार में मंत्री उदयनिधि स्टालिन और द्रमुक सांसद दयानिधि मारन के पुराने बयान हैं। उदयनिधि ने 2023 में सनातन धर्म को लेकर विवादित टिप्पणी की थी, वहीं दयानिधि मारन ने उत्तर प्रदेश और बिहार के लोगों के बारे में आपत्तिजनक बयान देते हुए कहा था कि “बिहारी तमिलनाडु में टॉयलेट साफ करते हैं।” इन टिप्पणियों को लेकर बीजेपी अब स्टालिन पर निशाना साध रही है।
भाजपा का हमला
तमिलनाडु भाजपा प्रवक्ता नारायण तिरुपति ने स्टालिन पर तीखा प्रहार करते हुए एक्स पर लिखा—“मैं बिहार जा रहे मुख्यमंत्री एमके स्टालिन को चुनौती देता हूँ। अगर उनमें हिम्मत है तो अपने बेटे उदयनिधि का बयान यहां दोहराकर दिखाएं, जिसमें उन्होंने सनातन धर्म को खत्म करने की बात कही थी। साथ ही अपने रिश्तेदार और सांसद दयानिधि मारन का बयान भी यहां दोहराएं, जिन्होंने कहा था कि बिहारी तमिलनाडु में टॉयलेट साफ करते हैं।”
भाजपा का कहना है कि जिन नेताओं ने बिहार और यूपी के लोगों का अपमान किया है, उन्हें यहां स्वागत का हक नहीं है। पार्टी ने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस और विपक्षी दलों का गठबंधन उन नेताओं को मंच दे रहा है, जिन्होंने बिहारियों को गाली दी थी।

स्टालिन का पलटवार
इस विरोध के बीच एमके स्टालिन ने बिहार पहुंचकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपनी भावनाएं साझा कीं। उन्होंने लिखा—“बिहार पहुंच गया हूँ। लालू प्रसाद की धरती अपनी आंखों में आग लेकर मेरा स्वागत कर रही है। इस मिट्टी पर हर चुराए गए वोट का बोझ है। मैं अपने भाइयों राहुल गांधी, तेजस्वी यादव और बहन प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ उस ‘वोटर अधिकार यात्रा’ में शामिल हुआ, जो लोगों के दर्द को ताकत में बदल देती है।”
चुनावी सियासत गरमाई
बिहार में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं और राहुल गांधी की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ विपक्षी एकजुटता का बड़ा मंच मानी जा रही है। ऐसे में एमके स्टालिन और रेवंत रेड्डी की मौजूदगी विपक्षी खेमे को मजबूती देती है, लेकिन भाजपा इस मुद्दे को चुनावी हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रही है।
बीजेपी ने साफ कहा है कि बिहारियों को गाली देने वाले नेताओं का राज्य में स्वागत नहीं होगा। वहीं कांग्रेस और उसके सहयोगी दल इसे विपक्षी एकता पर हमले के तौर पर देख रहे हैं। नतीजा यह है कि राहुल की यात्रा से निकली यह राजनीतिक बहस अब सीधा “बिहारियों के सम्मान” बनाम “वोट के अधिकार” की जंग में बदलती जा रही है।






