दिसम्बर 6, 2025

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बिहार चुनाव LIVE: प्रशांत किशोर पर चुनाव आयोग की नजर – नोटिस जारी, तीन दिन में जवाब तलब

पटना।
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले जनसुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। चुनाव आयोग ने उन्हें दो अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में वोटर ID दर्ज होने के आरोप में नोटिस जारी किया है। करगहर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के निर्वाची पदाधिकारी ने प्रशांत किशोर से तीन दिनों के भीतर जवाब देने को कहा है।


🗳️ क्या है पूरा मामला

चुनाव आयोग को मिली जानकारी के मुताबिक, प्रशांत किशोर का नाम बिहार के करगहर विधानसभा क्षेत्र और पश्चिम बंगाल के भबानीपुर निर्वाचन क्षेत्र, दोनों की मतदाता सूची में दर्ज पाया गया है।
इस संबंध में जारी नोटिस में कहा गया है कि “28 अक्टूबर 2025 को इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार प्रशांत किशोर का नाम भबानीपुर (पश्चिम बंगाल) के संत हेलेन स्कूल, बी. रानीशंकरी लेन स्थित मतदान केंद्र और करगहर (बिहार) के भाग संख्या-367, मध्य विद्यालय कोनार (उत्तर भाग), क्रमांक-621 में पाया गया है।”

नोटिस में यह भी उल्लेख है कि करगहर निर्वाचन क्षेत्र में प्रशांत किशोर का मतदाता पहचान पत्र संख्या IUI3123718 है।


⚖️ कानून क्या कहता है

चुनाव आयोग ने अपने नोटिस में लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 17 और 31 का हवाला दिया है।

  • धारा 17 के अनुसार, कोई व्यक्ति एक से अधिक निर्वाचन क्षेत्र में मतदाता के रूप में पंजीकृत नहीं हो सकता।
  • धारा 31 के तहत, यदि कोई व्यक्ति ऐसा करता पाया जाता है तो एक वर्ष तक की जेल, जुर्माना, या दोनों सजा का प्रावधान है।

चुनाव आयोग ने किशोर से कहा है कि वे तीन दिनों के भीतर अपना पक्ष प्रस्तुत करें, अन्यथा आगे की कार्रवाई की जा सकती है।


🔹 बिहार चुनाव में चर्चा में प्रशांत किशोर

बिहार विधानसभा चुनाव में इस बार जहां मुख्य मुकाबला एनडीए बनाम महागठबंधन के बीच माना जा रहा है, वहीं जनसुराज पार्टी भी तीसरे विकल्प के रूप में सुर्खियों में है। प्रशांत किशोर की जनसभाओं में उमड़ रही भीड़ से यह संकेत मिल रहा है कि वे राजनीतिक समीकरणों में नई चुनौती पेश कर सकते हैं।

हालांकि, अब चुनाव आयोग की यह कार्रवाई उनके लिए मुश्किलें खड़ी कर सकती है।


👉 अब निगाहें प्रशांत किशोर के जवाब पर टिकी हैं। यदि उन्होंने स्पष्टीकरण नहीं दिया या आयोग उनके जवाब से असंतुष्ट रहा, तो यह मामला कानूनी कार्रवाई की दिशा में बढ़ सकता है।

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