बाढ़ ने छीनी किताबें और टेबलेट, मुख्यमंत्री की मदद से फिर पटरी पर लौटी पूनम की यूपीएससी तैयारी
दंतेवाड़ा, 01 सितंबर 2025।
प्राकृतिक आपदा कई सपनों को तोड़ देती है, लेकिन दृढ़ संकल्प और सही सहयोग उन्हें फिर से संवार भी सकता है। दंतेवाड़ा जिले की चूड़ी टिकरापारा वार्ड की रहने वाली पूनम पटेल ऐसी ही मिसाल हैं। बाढ़ में घर का सामान बह जाने और प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए जरूरी किताबें व टेबलेट खराब हो जाने के बाद जब उनकी पढ़ाई पर संकट आ गया, तब मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की पहल ने उन्हें नई उम्मीद दी।

पूनम पिछले तीन वर्षों से नक्सल प्रभावित इलाके दंतेवाड़ा में रहते हुए यूपीएससी परीक्षा की तैयारी कर रही हैं। हाल ही में आई बाढ़ में उनका घर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। पूरा परिवार राहत शिविर में शरण लेने को मजबूर है। पूनम ने बताया कि बाढ़ के पानी में उनकी मेहनत से जुटाई गईं सभी प्रतियोगी परीक्षाओं की पुस्तकें बह गईं और पढ़ाई के लिए उपयोग किया जाने वाला टेबलेट भी पूरी तरह खराब हो गया।
पूनम ने भावुक होकर कहा कि उनके पिता संतोष पटेल किराना दुकान चलाकर परिवार का पालन-पोषण करते हैं। बड़ी मुश्किल से एक-एक पैसा जोड़कर उन्होंने पूनम के लिए टेबलेट खरीदा था। लेकिन बाढ़ की मार ने न केवल घर और सामान छीन लिया, बल्कि उनकी तैयारी पर भी संकट खड़ा कर दिया। इस घटना से पूनम बेहद चिंतित थीं और भविष्य अंधकारमय नजर आने लगा था।
इसी बीच, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने पूनम से मुलाकात की और उनका हालचाल जाना। उन्होंने जिला प्रशासन को निर्देश दिया कि पूनम की पढ़ाई में कोई रुकावट न आए। इसके बाद प्रशासन ने तुरंत पहल करते हुए पूनम को नया टेबलेट और आवश्यक पुस्तकें उपलब्ध कराईं।
इस मदद से पूनम के चेहरे पर फिर से मुस्कान लौट आई। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की इस सहायता ने उनके हौसले को दोगुना कर दिया है। अब वे और मेहनत से पढ़ाई करेंगी और प्रशासनिक अधिकारी बनने का अपना सपना जरूर पूरा करेंगी।

पूनम का मानना है कि मुश्किल हालात इंसान को परखते हैं और सही दिशा-निर्देश और सहयोग मिलने पर कोई भी बाधा बड़ी नहीं होती। मुख्यमंत्री की इस पहल ने न केवल पूनम को राहत दी है, बल्कि उन सैकड़ों युवाओं को भी प्रेरणा दी है जो कठिन परिस्थितियों में सपनों के लिए संघर्ष कर रहे हैं।






