शिक्षिका सुनीता यादव को डॉ. मुकुटधर पांडेय स्मृति पुरस्कार, शिक्षा व साहित्य में नवाचारों के लिए मिला सम्मान
सारंगढ़-बिलाईगढ़, 5 सितम्बर 2025।
शिक्षक दिवस के अवसर पर राजभवन रायपुर में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले की शिक्षिका सुनीता यादव को प्रतिष्ठित डॉ. मुकुटधर पांडेय स्मृति पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह सम्मान राज्यपाल रमेन डेका, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और स्कूल शिक्षा मंत्री गजेंद्र यादव ने उन्हें प्रशस्ति पत्र, शाल और चेक भेंटकर प्रदान किया।

सुनीता यादव जिले की पहली शिक्षिका हैं जिन्हें न केवल राज्यपाल शिक्षक सम्मान मिला है, बल्कि अब साहित्य व शिक्षा के क्षेत्र में विशेष उपलब्धियों के लिए उन्हें डॉ. मुकुटधर पांडेय स्मृति अलंकरण से भी नवाजा गया है। इस वर्ष यह पुरस्कार साहित्य के क्षेत्र में चुने गए चार सर्वश्रेष्ठ पुरस्कारों में शामिल है।
क्यों मिला यह सम्मान?
बरमकेला ब्लॉक के शासकीय प्राथमिक विद्यालय खिचरी में पदस्थ सुनीता यादव को उनके नवाचारी प्रयासों के लिए यह पुरस्कार दिया गया है।
- वे कक्षा के अंतिम पंक्ति के बच्चों को मुख्यधारा से जोड़ने हेतु लगातार कार्य कर रही हैं।
- साहित्य को शिक्षा से जोड़कर बच्चों को अनुभव आधारित शिक्षण देती हैं।
- बच्चों के पोषण व स्वास्थ्य के लिए अपने स्वयं के व्यय से उन्हें नियमित दूध उपलब्ध कराती हैं और अधिक से अधिक न्योता भोजन करवा कर कुपोषण से लड़ने में योगदान देती हैं।
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के परिप्रेक्ष्य में जिले के प्राथमिक विद्यालयों में आए बदलाव पर शोध पत्र लिखने वाली वे पहली महिला शिक्षिका हैं।
- बिलासपुर जिले के आदिवासी बच्चों के लिए उन्होंने शासकीय प्राथमिक विद्यालय तिलकडीह में निःशुल्क ग्रीष्मकालीन शिक्षण शिविर भी चलाया है।
- आईसीटी आधारित शिक्षा के अंतर्गत वे दीक्षा एप, स्टोरी वीवर, ऑडियो बुक, पॉडकास्ट, ब्लॉगिंग और स्मार्ट क्लास जैसी तकनीकों का उपयोग कर रही हैं।
- बच्चों को रचनात्मक ढंग से सिखाने के लिए वे लघु फिल्में बनाती हैं, जिसमें स्वयं और बच्चे अभिनय करते हैं।
इन सभी रचनात्मक और नवाचारी प्रयासों के कारण सुनीता यादव को डॉ. मुकुटधर पांडेय स्मृति अलंकरण पुरस्कार 2025 प्रदान किया गया।

पारिवारिक पृष्ठभूमि
सुनीता यादव का जन्म महासमुंद जिले के सांकरा-जो़ंक गांव में हुआ। उनके पिता पठान नाग यादव एक उत्कृष्ट शिक्षक रहे हैं, जबकि माता रुपा यादव गृहिणी हैं। छात्र जीवन से ही मेधावी रहीं सुनीता ने प्रारंभिक शिक्षा सांकरा-जो़ंक से प्राप्त की। स्नातक की पढ़ाई पिथौरा के कला महाविद्यालय से तथा स्नातकोत्तर अंग्रेजी साहित्य में पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर से पूर्ण की। इसके बाद उन्होंने पं. सुंदरलाल शर्मा विश्वविद्यालय, बिलासपुर से बी.एड. की डिग्री हासिल की।
उनका विवाह बरमकेला के व्यवसायी नंदकुमार यादव से हुआ है। उनकी एकमात्र संतान सृजना यादव वर्तमान में गुरु घासीदास विश्वविद्यालय, बिलासपुर से जनरलिज़्म और मास मीडिया कम्युनिकेशन की पढ़ाई कर रही हैं।
सुनीता यादव की उपलब्धियां और योगदान शिक्षा जगत में प्रेरणा का स्रोत बन गए हैं। शिक्षक दिवस पर मिला यह सम्मान न केवल उनके लिए गौरव का विषय है, बल्कि सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले की शिक्षा व्यवस्था के लिए भी मील का पत्थर है।






