करडेगा स्कूल के प्राचार्य पर गाज, कलेक्टर ने जारी किया कारण बताओ नोटिस
जशपुरनगर, 05 सितम्बर 2025।
जशपुर जिले के शिक्षा जगत में बड़ा कदम उठाते हुए कलेक्टर श्री रोहित व्यास ने शा.उ.मा.वि. करडेगा के प्राचार्य श्री गीता प्रसाद मधुकर को गंभीर अनियमितताओं और अनुशासनहीनता के आरोपों पर कारण बताओ नोटिस जारी किया है। कलेक्टर ने निर्देश दिया है कि प्राचार्य मधुकर तीन दिनों के भीतर न्यायोचित लिखित जवाब प्रस्तुत करें और स्वयं उपस्थित होकर अपनी सफाई दें। अन्यथा उनके विरुद्ध एकपक्षीय कार्रवाई की जाएगी।
गंभीर आरोपों की लंबी सूची
प्राचार्य मधुकर पर लगे आरोप मामूली नहीं हैं। तहसीलदार और विकासखंड शिक्षा अधिकारी दुलदुला की संयुक्त रिपोर्ट और जांच दल द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन में कई गंभीर लापरवाहियां और अनियमितताएं सामने आई हैं।
- नियमित अनुपस्थिति: विद्यालय में अक्सर अनुपस्थित रहना और निर्धारित दो कक्षाओं का संचालन न करना।
- विद्यालयीन व्यवस्था की उपेक्षा: स्वच्छ पेयजल व शौचालय की कमी, सीपेज से खराब फर्नीचर, खराब पंखे और उपकरण, खेल सामग्री व एनएसएस-स्काउट गाइड गतिविधियों का न होना।
- उच्च अधिकारियों के आदेशों की अवहेलना: 13 अप्रैल 2025 को निरीक्षण के बाद दिए गए निर्देशों की अनदेखी।
- बैठकों से अनुपस्थिति: समीक्षा बैठकों से अनधिकृत अनुपस्थिति।
- दुर्व्यवहार और मानसिक प्रताड़ना: छात्राओं से अमर्यादित भाषा का प्रयोग, विद्यार्थियों को टीसी काटने की धमकी, शिक्षकों और कर्मचारियों को वेतन काटने की धमकी।
- वित्तीय अनियमितताएं:
- विद्यालयीन राशि का अनुचित उपयोग
- कैश बुक, बिल-वाउचर और स्टॉक पंजी का रखरखाव नहीं
- एनएसएस गतिविधि बिना कराए राशि निकालना
- विद्यार्थियों से अधिक एडमिशन फीस लेना।
छात्रों के विकास पर असर
जांच रिपोर्ट के अनुसार, प्राचार्य की लापरवाही से छात्रों की शैक्षणिक, शारीरिक और मानसिक गतिविधियां प्रभावित हो रही हैं।
- कक्षाओं का निरीक्षण नहीं किया जाता।
- यशस्वी जशपुर कार्यक्रम के तहत निर्धारित क्रियाकलापों की अनदेखी।
- शिक्षक-पालक बैठक, उपचारात्मक शिक्षण, खेलकूद और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की उपेक्षा।
- विद्यार्थियों ने स्वयं प्राचार्य के व्यवहार पर आपत्ति दर्ज की है।
पहले भी हो चुकी शिकायतें
यह पहला मौका नहीं है जब प्राचार्य मधुकर पर सवाल उठे हों।
- मार्च 2023 में शाला प्रबंधन एवं विकास समिति और शिक्षकों-कर्मचारियों ने उनकी कार्यशैली और दुर्व्यवहार की शिकायत की थी।
- मार्च 2025 में जिला शिक्षा अधिकारी ने 13 बिंदुओं पर कारण बताओ नोटिस जारी किया था।
- अनुविभागीय अधिकारी (रा.) कुनकुरी की जांच में भी प्राचार्य पर टीसी के एवज में अधिक राशि लेने और स्टाफ से अभद्र व्यवहार के आरोप सही पाए गए थे।
प्रशासन की सख्ती
कलेक्टर ने स्पष्ट किया है कि यदि प्राचार्य मधुकर तीन दिनों में संतोषजनक जवाब नहीं देते हैं, तो छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के तहत अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी।
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जिले में शिक्षा व्यवस्था पर सवाल
लगातार शिकायतों और गंभीर अनियमितताओं ने जिले की शिक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े किए हैं। प्रशासन की कार्रवाई से यह संदेश साफ है कि अब लापरवाही और अनुशासनहीनता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।






