हसदेव नदी संरक्षण के लिए कोरबा में हुई भव्य आरती, जुटे सैकड़ों पर्यावरण प्रेमी और समाजसेवी
कोरबा। जिले की जीवनरेखा कही जाने वाली हसदेव नदी के संरक्षण और तट सौंदर्यीकरण के लिए सतत प्रयासरत नमामि हसदेव सेवा समिति द्वारा प्रत्येक मास की पूर्णिमा को आयोजित की जाने वाली ‘हसदेव आरती’ इस बार और भी भव्य रही।
भाद्रपद पूर्णिमा के पावन अवसर पर दिनांक 6 सितम्बर 2025 को माँ सर्वमंगला घाट पर सैकड़ों श्रद्धालुओं, समाजसेवियों और पर्यावरण प्रेमियों ने भाग लेकर नदी संरक्षण का संदेश दिया।
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धार्मिक आस्था और पर्यावरण चेतना का संगम
आयोजन न केवल धार्मिक अनुष्ठान था, बल्कि नदी और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक प्रेरणादायक जन-जागरूकता अभियान भी बन गया।
घाट पर वातावरण दीपमालाओं और गूंजते जयघोष से सराबोर हो उठा। श्रद्धालुओं ने माँ हसदेव से स्वच्छ और सुरक्षित पर्यावरण की कामना की।

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प्रमुख यजमान की अपील
इस अवसर पर भारतीय मजदूर संघ के अखिल भारतीय मंत्री श्री राधेश्याम जायसवाल मुख्य यजमान रहे। उन्होंने भावुक होकर कहा –
“मेरा जन्म ग्राम तरदा में हुआ है। बचपन में मैं हसदेव नदी में स्नान करता और उसका जल पीता था। लेकिन आज यह नदी प्रदूषण की चपेट में है। इसे पुनः निर्मल बनाने का जो प्रयास नमामि हसदेव सेवा समिति कर रही है, उसमें भारतीय मजदूर संघ तन-मन-धन से सहयोग करेगा।”
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विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति
कार्यक्रम में कई गणमान्य व्यक्तियों ने विशेष यजमान के रूप में शिरकत कर मुहिम को बल दिया। इनमें शामिल थे –
- श्री हेमन्त माहुलीकर, प्रदेश महामंत्री, संस्कार भारती छत्तीसगढ़
- श्री नरेश कुमार अग्रवाल, प्रदेश सचिव, भारत विकास परिषद छत्तीसगढ़
- सुश्री जया मिश्रा, प्रदेश प्रभारी, महिला पतंजलि योग समिति छत्तीसगढ़
- सुश्री ऋतु चौरसिया, प्रदेश मंत्री, भारतीय जनता पार्टी छत्तीसगढ़
इन सभी ने अपने वक्तव्यों में जल और पर्यावरण संरक्षण को समय की सबसे बड़ी आवश्यकता बताते हुए सामूहिक प्रयासों पर जोर दिया।

समिति का उद्देश्य
समिति के पदाधिकारियों ने स्पष्ट किया कि हसदेव आरती का आयोजन केवल धार्मिक परंपरा तक सीमित नहीं है। इसका मुख्य लक्ष्य है –
- नदी और प्राकृतिक जल स्रोतों को प्रदूषण से बचाना
- जनमानस में जल संरक्षण की चेतना जगाना
- युवाओं और समाज को पर्यावरणीय दायित्वों से जोड़ना
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श्रद्धालुओं का उमड़ा जनसैलाब
भव्य आरती में बड़ी संख्या में श्रद्धालु, पर्यावरण प्रेमी और युवा अपने परिवारों के साथ उपस्थित हुए। दीप जलाकर और सामूहिक प्रार्थना कर उन्होंने हसदेव नदी के संरक्षण का संकल्प लिया।
सभी ने इस जन-जागरूकता मुहिम का समर्थन करते हुए कहा कि अगर आज से ही ठोस प्रयास नहीं किए गए, तो आने वाली पीढ़ियों को स्वच्छ जल मिलना कठिन हो जाएगा।






