रायपुर में वायरल हुई ‘न्यूड पार्टी’ का पोस्टर: सच्चाई क्या है और क्यों सियासत में मचा तूफ़ान?
रायपुर।
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर इन दिनों एक रहस्यमयी और विवादित पोस्टर की वजह से सुर्खियों में है। सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे इस पोस्टर में 21 सितंबर को एक कथित “न्यूड पार्टी” आयोजित होने का दावा किया गया है। इसमें युवाओं को आकर्षित करने के लिए शराब फ्री देने का भी लालच दिखाया गया है।
यह खबर जैसे ही सामने आई, प्रदेश की राजनीति में भूचाल आ गया। कांग्रेस ने सीधे-सीधे बीजेपी सरकार पर अश्लीलता फैलाने का आरोप लगाया, वहीं बीजेपी का कहना है कि ऐसे मामलों में राजनीति नहीं होनी चाहिए। इस बीच, रायपुर पुलिस पूरे मामले की सच्चाई जानने में जुट गई है।
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सोशल मीडिया बना हथियार
वायरल पोस्टर में पार्टी के आयोजन की जानकारी ऐसे ग्रुप्स पर डाली गई थी, जो आम नजरों से दूर रहते हैं। बताया जा रहा है कि आयोजक सोशल मीडिया के गुप्त ग्रुप्स में लगातार युवाओं को टारगेट कर रहे हैं। इस रणनीति के चलते ऐसे इवेंट बिना ज्यादा हंगामे के प्रचारित हो जाते हैं।
लेकिन सवाल ये है कि आखिर इस पोस्टर के पीछे कोई असली आयोजन है या यह सिर्फ एक शरारत है?
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कांग्रेस बनाम बीजेपी: आरोप-प्रत्यारोप
कांग्रेस नेता कन्हैया अग्रवाल ने इस मामले की शिकायत रायपुर एसपी से की है। उनका आरोप है कि सरकार की शह पर अश्लीलता और नशे का कारोबार बढ़ावा पा रहा है।
वहीं, डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने कहा कि यदि इस पोस्टर में जरा भी सच्चाई है, तो दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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पुलिस जांच में जुटी
रायपुर पुलिस फिलहाल इस बात की तहकीकात कर रही है कि पोस्टर असली है या किसी ने माहौल बिगाड़ने के लिए फर्जी तरीके से फैलाया है। पुलिस इवेंट ऑर्गेनाइज़र और उन फार्महाउस/होटलों की लिस्ट खंगाल रही है, जहां इस तरह के आयोजनों की चर्चाएं होती रही हैं।
सिंडिकेट की आशंका
स्थानीय सूत्रों का दावा है कि रायपुर और आसपास के फार्महाउस व होटलों में एक सिंडिकेट सक्रिय है, जो नशे और अश्लीलता से जुड़े आयोजन कराता है। पार्टी कल्चर का यह ट्रेंड मेट्रो शहरों जैसे दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु या जयपुर में तो आम रहा है, लेकिन रायपुर जैसे शहर में इस तरह के आयोजन सामने आना चिंताजनक माना जा रहा है।
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नतीजा
न्यूड पार्टी के पोस्टर की सच्चाई चाहे जो भी निकले, लेकिन इसने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या छोटे शहरों में भी अंडरग्राउंड पार्टी कल्चर तेजी से पैर पसार रहा है? और क्या इसे रोकने के लिए प्रशासन के पास कोई ठोस रणनीति है?
छत्तीसगढ़ की राजनीति और पुलिस, दोनों के लिए यह मामला इस वक्त सबसे बड़ी चुनौती बन गया है।






