दिसम्बर 6, 2025

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25 सालों में तहसीलों की क्रांति: कैसे कोरबा बना छत्तीसगढ़ का सबसे तेज़ प्रशासनिक जिला | जानिए 1 नवंबर को क्या खास होने जा रहा है!

कोरबा, 31 अक्टूबर 2025/
कभी सिर्फ चार तहसीलों वाला छोटा प्रशासनिक ढांचा… और आज पूरे 12 तहसीलों के साथ छत्तीसगढ़ के अग्रणी जिलों में शुमार — यह है कोरबा की 25 सालों की राजस्व क्रांति की कहानी। राज्य गठन के समय वर्ष 2000 में जब कोरबा जिले में केवल कोरबा, करतला, कटघोरा और पाली तहसीलें थीं, तब ग्रामीण नागरिकों को अपने मामूली राजस्व प्रकरणों के लिए भी लंबी दूरी तय करनी पड़ती थी। आज, यह तस्वीर पूरी तरह बदल चुकी है।

बीते ढाई दशकों में कोरबा जिले ने प्रशासनिक विस्तार और जनता की सुविधा के क्षेत्र में एक नया इतिहास रचा है। बढ़ती जनसंख्या और ग्रामीण अंचलों की जरूरतों को देखते हुए राज्य सरकार ने लगातार नई तहसीलों का गठन किया। अब जिले में कुल 12 तहसीलें हैं — कोरबा, करतला, कटघोरा, पाली, पोड़ीउपरोड़ा, अजगरबहार, भैसमा, बरपाली, दर्री, दीपका, हरदीबाजार और पसान।


🏢 नई तहसीलों के गठन की समयरेखा:

  • पोड़ीउपरोड़ा – 2008
  • हरदीबाजार, दर्री – 2020
  • अजगरबहार, भैसमा, बरपाली, दीपका, पसान – 2022

इन नई तहसीलों ने राजस्व सेवाओं को गांव-गांव तक पहुंचाने में क्रांतिकारी बदलाव किया है। ग्रामीण अब दस्तावेज़ सुधार, नामांतरण, सीमांकन या स्वामित्व से जुड़े कार्यों के लिए अपने नजदीकी तहसील कार्यालय में ही सुविधा प्राप्त कर रहे हैं।


⚖️ राजस्व प्रकरणों में तेजी और पारदर्शिता:

कलेक्टर श्री अजीत वसंत के नेतृत्व में जिला प्रशासन ने राजस्व प्रकरणों के निपटारे में नई गति दी है। हर पंद्रह दिनों में राजस्व अधिकारियों की बैठक लेकर लंबित मामलों की समीक्षा की जाती है। प्राथमिकता यह रहती है कि कोई भी मामला अनावश्यक रूप से लंबित न रहे।

2023-24 में 12,578 राजस्व प्रकरणों में से 5,828 का निपटारा हुआ, जबकि 2024-25 में यह आंकड़ा बढ़कर 12,642 प्रकरणों तक पहुंच गया — यानी 76.31% की सफलता दर। यह न केवल प्रशासनिक दक्षता बल्कि जनसुविधा की दिशा में कोरबा के उल्लेखनीय सुधार को दर्शाता है।


📜 स्वामित्व योजना: ग्रामीण सशक्तिकरण की दिशा में कदम:

राज्य और केंद्र सरकार की स्वामित्व योजना के अंतर्गत अब तक 9,114 अधिकार अभिलेख (Property Cards) का वितरण किया जा चुका है। आने वाले 1 नवम्बर 2025 को अतिरिक्त 5,500 अधिकार अभिलेखों का वितरण किया जाएगा। यह दिन कोरबा जिले के ग्रामीणों के लिए ऐतिहासिक साबित होने वाला है, क्योंकि यह उनके भू-स्वामित्व और आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ा कदम होगा।


🌾 जनसेवा का बदलता स्वरूप — “राजस्व सेवा घर-घर तक”

पहले जहां ग्रामीणों को प्रशासन तक पहुंचने के लिए दूरी तय करनी पड़ती थी, अब प्रशासन स्वयं गांव तक पहुंच रहा है। डिजिटलाइजेशन, ऑनलाइन म्यूटेशन प्रक्रिया, ग्राम पंचायत स्तर पर राजस्व शिविर जैसी पहलों ने सेवाओं को पारदर्शी और सरल बना दिया है।


💬 कलेक्टर श्री अजीत वसंत का विज़न:

“हमारा लक्ष्य केवल मामलों का निपटारा नहीं, बल्कि जनता के विश्वास को मजबूत करना है। हर नागरिक को समय पर न्याय और सेवा मिले — यही असली प्रशासनिक सफलता है।”


🏆 25 वर्षों की उपलब्धियाँ — कोरबा की पहचान:

  • 4 से बढ़कर 12 तहसीलें
  • 76% से अधिक राजस्व मामलों का समयबद्ध निपटारा
  • 9,000+ भू-स्वामित्व अभिलेख वितरण
  • डिजिटल राजस्व प्रणाली का क्रियान्वयन
  • राजस्व न्यायालयों की सुदृढ़ व्यवस्था
  • जनभागीदारी आधारित शासन

📅 आगामी कार्यक्रम:

1 नवम्बर को जिले के विभिन्न तहसीलों में 5,500 अधिकार अभिलेखों का वितरण समारोह आयोजित होगा, जिसमें हजारों ग्रामीणों को उनका स्वामित्व प्रमाण पत्र सौंपा जाएगा। यह कोरबा के लिए सिर्फ एक प्रशासनिक घटना नहीं, बल्कि जनता के सशक्तिकरण का प्रतीक बनेगा।

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