इंदौर के MY अस्पताल में चूहों ने नवजातों को कुतरा, एक की मौत; लापरवाही पर गिरी गाज
इंदौर के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल महाराजा यशवंत अस्पताल (एम.वाई. हॉस्पिटल) में हुई लापरवाही ने स्वास्थ्य व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अस्पताल के पीडियाट्रिक सर्जरी आईसीयू में भर्ती दो नवजात शिशुओं को चूहों ने कुतर दिया। इस हादसे में एक नवजात की मौत हो गई, जबकि दूसरे का इलाज जारी है। घटना सामने आने के बाद परिजनों और स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश है।
अस्पताल प्रबंधन का बयान

अस्पताल प्रबंधन ने नवजात की मौत का कारण चूहों के काटने से इनकार किया है। उनका कहना है कि मृत नवजात का वजन महज 1.2 किलो था और वह कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहा था, जिसमें हीमोग्लोबिन की कमी और सर्जिकल जटिलताएं शामिल थीं। साथ ही बताया गया कि शिशु को परिजन अस्पताल में छोड़कर चले गए थे। इसके बावजूद यह सवाल उठ रहा है कि आखिर नवजात इतने असुरक्षित कैसे रहे कि चूहे उन तक पहुंच गए।
डीन ने तुरंत की कार्रवाई
घटना के बाद मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. आर. एस. घंघोरिया ने तुरंत कड़ी कार्रवाई की।
- नर्सिंग ऑफिसर्स आकांक्षा बेंजामिन और स्वेता चौहान को निलंबित कर दिया गया।
- सहायक प्रभारी नर्सिंग ऑफिसर कलावती बलावी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया।
- पीआईसीयू की नर्सिंग प्रभारी प्रवीणा सिंह और डॉ. मनोज जोशी (प्रभारी व प्राध्यापक, पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग) को भी शोकॉज नोटिस दिया गया।
नर्सिंग सुपरिटेंडेंट को हटाया

नर्सिंग सुपरिटेंडेंट मारग्रेट जोजफ को पद से हटा दिया गया है और उनकी जगह नर्सिंग ऑफिसर दयावती दयाल को नई सुपरिटेंडेंट नियुक्त किया गया है। साथ ही पीडियाट्रिक सर्जरी के आईसीयू इंचार्ज और असिस्टेंट इंचार्ज को भी नोटिस जारी किया गया है।
कंपनी पर जुर्माना और पेस्ट कंट्रोल के आदेश
अस्पताल में सफाई और पेस्ट कंट्रोल का जिम्मा संभालने वाली एजाइल कंपनी पर डीन ने एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। साथ ही चेतावनी दी है कि भविष्य में ऐसी घटना दोहराई गई तो और कठोर कदम उठाए जाएंगे। एम.वाई. अस्पताल के सुपरिटेंडेंट डॉ. अशोक यादव को तत्काल पेस्ट कंट्रोल कराने के निर्देश दिए गए हैं।
उच्च स्तरीय जांच कमेटी गठित
घटना की गहराई से जांच के लिए पांच वरिष्ठ डॉक्टरों और एक नर्सिंग ऑफिसर की उच्च स्तरीय जांच कमेटी बनाई गई है। इस कमेटी में डॉ. एस.बी. बंसल, डॉ. शशि शंकर शर्मा, डॉ. अरविंद शुक्ला, डॉ. निर्भय मेहता, डॉ. बसंत निगवाल और नर्सिंग ऑफिसर दयावती दयाल शामिल हैं। जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे और कठोर कार्रवाई की जाएगी।

सवालों के घेरे में अस्पताल की सुरक्षा
यह घटना अस्पताल की लापरवाही और व्यवस्था की पोल खोल रही है। नवजात शिशुओं जैसे संवेदनशील मरीजों की सुरक्षा के बावजूद यदि चूहे आईसीयू तक पहुंच जाते हैं, तो यह अस्पताल प्रबंधन की गंभीर चूक को दर्शाता है। स्थानीय लोग और परिजन अब अस्पताल प्रशासन से सख्त कार्रवाई और जिम्मेदारों पर कठोर दंड की मांग कर रहे हैं।






